
संविधान दिवस पर जनप्रतिनिधियों का संदेश – “लोकतंत्र सर्वोपरि
आपातकाल की विभीषिका, जनप्रतिरोध और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हुए संघर्षों को याद किया गया
दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा – भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर “संविधान हत्या दिवस-2025” के अंतर्गत आज जिला पंचायत परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर आपातकाल की विभीषिका, जनप्रतिरोध और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हुए संघर्षों को याद किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक दीपेश साहू, विधायक ईश्वर साहू, पूर्व विधायक अवधेश चंदेल, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रजकर बोर्ड प्रह्लाद राजकर, नगर पालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा, जनपद अध्यक्ष श्रीमती हेमा दिवाकर, अजय साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, एनसीसी, स्काउट-गाइड्स के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मंत्री बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर गहरा आघात था। संविधान और मौलिक अधिकारों को कुचलने वाली यह घटना लोकतंत्र की चेतावनी है। यह नई पीढ़ी के लिए एक सबक है कि लोकतंत्र की रक्षा सतत जागरूकता और संघर्ष से ही संभव है। यह हमारा दायित्व है कि हम लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखें और ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करें जो संविधान और नागरिक स्वतंत्रताओं को कमजोर करे।”
इस अवसर पर मंत्री बघेल द्वारा आपातकाल के दौरान जेल गए मिसाबंदी भुवनेश्वर प्रसाद तिवारी, हरदयनारायण निर्वाणी, स्व. महेश कुमार तिवारी (पूर्व विधायक) की धर्मपत्नी श्रीमती शारदा तिवारी, स्व. बीरेन्द्र कुमार दानी के पुत्र आशीष दानी तथा स्व. मुखी राम साहू के पुत्र सुरेश कुमार साहू को शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
विधायक दीपेश साहू ने कहा कि आपातकाल का दौर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर सबसे बड़ा प्रहार था। यह लोकतंत्र की परीक्षा की घड़ी थी। विधायक ईश्वर साहू ने कहा आपातकाल के समय किए गए संघर्ष हमें संविधान की रक्षा हेतु सदैव प्रेरित करते हैं। लोकतंत्र को सशक्त बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है| पूर्व विधायक अवधेश चंदेल और प्रह्लाद राजकर भी संबोधित किया । आपातकाल से जुड़ी जानकारी दी ।

कार्यक्रम में आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी में आपातकाल से जुड़ी घटनाओं, संघर्षों और जनआंदोलनों की झलक प्रस्तुत की गई, जिसे सभी उपस्थितजनों ने गहरी रुचि से देखा। इस अवसर पर एक रैली भी निकाली गई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संदेश देते हुए भाग लिया।