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भावी पीढ़ी को लोकतान्त्रिक मूल्यों नागरिक सुरक्षा और संवैधानिक नैतिकता की सुरक्षा का महत्व जानना होगा- सांसद महेश कश्यप

आपातकाल आधारित फोटो प्रदर्शनी का सांसद विधायक एवं अन्य अतिथियों ने किया अवलोकन


दैनिक मूक पत्रिका दंतेवाड़ा –
वर्ष 1975 में 25 जून के दिन तत्कालीन सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगाया गया था। इसके 50 वर्ष पूर्ण होने पर आज मुख्यालय के जिला ग्रंथालय में ‘संविधान हत्या दिवस’ के तौर पर मनाया गया। इस दौरान जिले के मीसाबंदी और उनके परिजन को सम्मानित किया गया, साथ ही आपातकाल पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ। इस अवसर पर छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से 1975 के आपातकाल के दौर को रेखांकित किया गया। जिसका अतिथियों ने अवलोकन किया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बस्तर सांसद महेश सांसद तथा क्षेत्र के विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
ग्रंथालय के सभागार में आयोजित परिचर्चा में सांसद कश्यप ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जहां संविधान सर्वोपरि है। वर्ष 1975 में तत्कालीन सरकार द्वारा देशवासियों पर अचानक आपातकाल घोषित कर अपने राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश की गई। सांसद कश्यप ने बताया कि इसका विरोध करने वाले जनप्रतिनिधियों, देशवासियों और मीडिया संस्थानों की आवाज को दबाया गया तथा उन्हें जेल में डाल दिया गया।
भारत जैसे लोकतंत्र और प्रजातांत्रिक मूल्यों पर चलने वाला देश में 1975 में लोकतंत्र में बड़ा कुठाराघात कर आपातकाल लगाया गया था। देश में संविधान सर्वोच्च है नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का पालन का अधिकार है इसे किसी सत्तासीन को रोकने का अधिकार नहीं है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस काले सच को सामने लाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य भावी पीढ़ी को लोकतान्त्रिक मूल्यों नागरिक सुरक्षा और संवैधानिक नैतिकता की सुरक्षा का महत्व से अवगत कराना है। ताकि वे अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सचेत रहे।
विधायक चैतराम अटामी ने भी आपातकाल को लोकतांत्रिक इतिहास का कलंक बताते हुए कहा कि तत्कालीन सत्ताधीशों ने अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिए देष के जनता को अकथनीय कष्ट दिए। और अब उनकी आज ऐसे ही मानसिकता के लोग लोकतंत्र को बचाने ही दुहाई देकर ओछी राजनीति कर रहे है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि देश की पुरानी पीढ़ी में आपातकाल का वह भयावह दौर देखा है। जहां देश के एक-एक नागरिक के मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे। वर्तमान में हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।


कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा आपातकाल दौर के दो मीसा बंदी वरिष्ठ नागरिक श्रीमती मंगला देवी परगनिया तथा श्रीमती राधा देवी सुराना को शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही इस अवसर पर आपातकाल पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा छात्र, छात्राओं द्वारा रैली भी निकाली गई। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता भास्कर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अपर कलेक्टर राजेश पात्रे,एसडीएम मूलचंद चोपडा सहित गणमान्य नागरिक व स्कूली और कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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