
दैनिक मूक पत्रिका जगदलपुर। बस्तर जिला मुख्यालय के श्रीजगन्नाथ मंदिर में आज बुधवार काे 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष वेदप्रकाश पांडे ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बस्तर गोंचा पर्व 2025 के तहत होने वाले विभिन्न धार्मिक पूजा विधानों एवं अन्य निर्धारित तय कार्यक्रमाें की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बस्तर अंचल का दशहरा पर्व एवं गोंचा पर्व अपनी समृद्ध गौरवशाली रियासत कालीन परम्पराओं के लिए देश-विदेश तक अपना विशिष्ट स्थान रखता है । 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज अपने अनवरत 618 वषों के समृद्ध रियासत कालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 11 जून से 6 जुलाई 2025 तक बस्तर गोंचा पर्व का आयोजन कर रही है। विगत 11 जून 2025 को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व 2025 का आगाज हो चुका है।
उन्हाेने बताया कि बस्तर के गोंचा पर्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से स्थानिय ग्रामीण एवं विभिन्न समुदाय के लोग प्रतिवर्ष अपनी सहभागिता निभाते है । समाज पर्व काे भव्य स्वरूप देने हेतु निरंतर प्रयासरत है । उन्हाेने कहा कि बस्तर गोंचा पर्व में सभी श्रृद्धालुओं को महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के दर्शन लाभ हेतु आमंत्रित करती है।
उन्हाेने बताया कि भगवान श्रीजगन्नाथ के 12 जून से जारी अनसर काल की समाप्ति 25 जून के बाद 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान के उपरांत 27 जून को पारम्परिक बस्तर के आम जनमानस भगवान श्रीजगन्नाथ काे तुपकी की सलामी देकर श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान में भगवान श्रीजगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिकमा उपरांत सिरहासार भवन-जनकपुरी (गुण्डिचा मण्डप) में विराजित किये जायेंगे, जहां अनवरत 9 दिनों तक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस दौरान निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार 27 जून से 5 जुलाई तक प्रत्येक दिवस समाज के द्वारा विविध धार्मिक-सांस्कृतिक अनुष्ठान की परम्परा का निर्वहन किया जायेगा।
वेद प्रकाश पांडे ने बताया गोंचा महापर्व के दौरान प्रत्येक दिवस संध्या 7:30 बजे भगवान श्रीजगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र स्वामी की महाआरती के उपरांत भजन-कीर्तन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे, जिसमें स्थानीय एवं सांस्कृतिक मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति होगी। शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्रीजगन्नाथ को अमनिया अर्थात सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राम्हण समाज के 14 क्षेत्रिय समितियों में विभक्त 100 से अधिक ग्रामों में निवासरत समाज के परिवारों एवं ग्रामीणाें के द्वारा 28 जून से 4 जुलाई तक प्रतिदिन भोग के अर्पण पश्चात श्रद्धालुओं में वितरण की शताब्दियाें पुरानी परंपरा का निर्वहन किया जायेगा।
उन्हाने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को परम्परानुसार बस्तर गोंचा पर्व में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रण समाज के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिया गया । मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री व बस्तर प्रभारी मंत्री विजय शर्मा बाहुड़ा गोंचा के शुभ अवसर पर 5 जुलाई 2025 को सम्मिलित होने के लिए आश्वस्त किया है। साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रमुख जनप्रतिनिधियों का भी पर्व में शामिल होंगे। उन्हाेने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक किरण देव एवं वन मंत्री केदार कश्यप प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बस्तर गाेंचा में शामिल हाेकर अपनी सहभागिता का निर्वहन करेंगे।