June 26, 2025 2:59 pm
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दैनिक मूक पत्रिका महासमुंद। यहाँ की उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रेशमी यादव, जो कि सरकारी सेवा में (RHO) के पद पर कार्यरत हैं, उन पर गंभीर आरोप सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार, रेशमी यादव अपने सरकारी कर्तव्यों के साथ-साथ अपने ही घर पर निजी क्लिनिक का संचालन कर रही हैं, जो कि स्वास्थ्य विभाग की स्पष्ट नियमावली का खुला उल्लंघन है।
रेशमी यादव को सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए नियुक्त किया गया है, ताकि ग्रामीणों को उचित और निष्पक्ष चिकित्सा सुविधा मिल सके। लेकिन अगर वही कर्मचारी निजी मुनाफे के लिए अपना खुद का क्लिनिक चलाएं, तो इससे न केवल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की साख को चोट पहुंचती है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी ठेस लगती है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार कोई भी सरकारी स्वास्थ्यकर्मी निजी प्रैक्टिस या क्लिनिक संचालन नहीं कर सकता। यह आचरण सेवा शर्तों और विभागीय अनुशासन का उल्लंघन है। रेशमी यादव का यह कृत्य “दोहरी सेवा लाभ” (Dual Practice) की श्रेणी में आता है, जो विभागीय कार्रवाई के योग्य है।
जानकारी के अनुसार रेशमी यादव अपने घर पर एक तरह का “गुप्त क्लिनिक” चला रही हैं जहाँ इलाज, दवा और इंजेक्शन के नाम पर ₹200 से ₹500 तक वसूले जाते हैं। कई मरीजों ने बताया कि उन्हें पर्ची या रसीद तक नहीं दी जाती — यानी सारा काम काला धन में किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र में रेशमी यादव की उपस्थिति अक्सर नहीं होती, और जरूरतमंद मरीजों को मजबूरी में उनके घर के क्लिनिक पर जाना पड़ता है जहाँ उनसे मोटी रकम ली जाती है।
यह केवल एक महिला कर्मचारी की बात नहीं है, बल्कि सरकारी व्यवस्था पर उठते सवाल हैं। अगर ऐसे मामलों पर प्रशासन मौन रहा तो यह परंपरा बन जाएगी।

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