
दैनिक मूक पत्रिका – हनुमान जी को अष्ट सिद्धियां प्राप्त थी। इन दैवीय सिद्धियों के कारण उन्होंने कई लीलाएं रची थी। जानिए हनुमान जी को प्राप्त अष्ट सिद्धियों के क्या नाम है और ये किस काम आते थे?
हनुमान जी 8 चमत्कारी सिद्धियां
हनुमान जी जिन्हें कलयुग का देवता भी कहा जाता है। इनके चमत्कार और असीम शक्तियों के आगे हर कोई नतमस्तक है।
पुराणों के अनुसार हनुमान जी को 22 सिद्धियां प्राप्त थी, जिसमें 8 सिद्धियां चमत्कारी और दिव्यता से भरी है। जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इनमें सबसे पहले जो सिद्धि हनुमान जी को प्राप्त है, उसका नाम अणिमा है। इस सिद्धि के बल पर हनुमान जी अपना शरीर अणु जितना सूक्ष्म बना सकते हैं।
दूसरी सिद्धि का नाम महिमा है। इस सिद्धि की मदद से हनुमान जी अपना शरीर विराट रूप में बदलते थे।
तीसरी सिद्धि का नाम गरिमा है। इस सिद्धि के बल पर हनुमान जी अपना वजन कई गुना तक बढ़ लेते थे।
चौथी सिद्धि लघिमा है। इस सिद्धि की सहायता से हनुमान जी अपना शरीर अंत्यत हल्का कर लेते थे।
पांचवीं सिद्धि का नाम प्राप्ति है। इस सिद्धि में हनुमान जी कहीं से भी कोई वस्तु प्रकट कर सकते थे।
छठीं सिद्धि का नाम प्राकाम्य है। इस सिद्धि में हनुमान जी अपनी इच्छाओं को फौरन सिद्ध कर लेते थे।
सातवीं सिद्धि का नाम ईश्तव है। इस सिद्धि में हनुमान जी सृष्टि पर स्वामित्व और नियंत्रण प्राप्त कर सकते थे।
आठवीं सिद्धि का नाम वशित्व है। अपने नाम की ही तरह इस सिद्धि में हनुमान जी किसी को भी अपने वश में कर लेते थे।