June 26, 2025 3:02 pm
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दैनिक मूक पत्रिका जगदलपुर। रियासत कालीन बस्तर गाेंचा पर्व में 11 जून बुधवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि में भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की परंपरानुसार देव स्नान चंदन जात्रा पूजा विधान 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में संपन्न करवाया गया था। बस्तर गाेंचा पर्व के निर्धारित तय कार्यक्रम के अनुसार देव स्नान चंदन जात्रा पूजा विधान 11 जून काे संपन्न हाेने के बाद 12 जून से 25 जून तक अनसर काल में भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का दर्शन वर्जित रहा तक 26 जून को नेत्रोत्सव के बाद 27 जून को श्रीगोंचा पर्व मनाया जाएगा। भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रहाें को प्रतिवर्ष गोंचा पर्व के अवसर पर रियासत कालीन और 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के द्वारा निर्मित चांदी के 45 किलाें के आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है। श्रीजगन्नाथ मंदिर में 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान के लिए जारी तैयारी में जिला कोषालय से रियासत कालीन रजत आभूषण एवं बैंक के लाकर में रखे गये भगवान के रजत आभूषण की सफाई की गई । भगवान के रजत आभूषणाें की सुरक्षा में सुरक्षाबल के जवान तैनात किए गये हैं। बस्तर गोंचा पर्व की सम्पन्नता के बाद सुरक्षा के बीच भगवान के रजत आभूषणाें काे जिला कोषालय में जमा करवा दिया जाएगा।


360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र पानीग्राही ने बताया कि रियासत कालीन जेवरात लगभग 14 किलोग्राम और 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के समाज के द्वारा भगवान के लिए 31 किलो वजनी चांदी के आभूषण तैयार करवाया है। इनसे ही भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के 22 विग्रहाें का श्रृगार किया जाएगा । उन्हाेने बताया कि बस्तर गोंचा पर्व की तैयरी जारी है, 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान में 15 दिनाें के बाद भगवान श्रीजगन्नाथ के दर्शन हाेंगे। उन्हाेने बताया कि सिरहासार भवन को जनकपुर के रूप में संवारा जा रहा है, यहां भगवान जगन्नाथ आठ दिनों तक श्रृद्धालुओं के दर्शन के लिए स्थापित रहेंगे । इस दौरान सिरहासार भवन-जनकपुरी में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं । उन्हाेने बताया कि बस्तर गाेंचा पर्व के निर्धारित कार्यक्रम की तिथि हिंदू पंचाग के अनुसार तय हाेती है, बस्तर गाेंचा पर्व की तिथि में परिर्वतन नही हाेता है, लेकिन अंग्रेजी महिने की तारीख में परिर्वतन हाेता रहता है।

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