दैनिक मूक पत्रिका गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में इन दिनों अच्छी बारिश हो रही है. लेकिन बारिश के चलते जिला मुख्यालय को तेल नदी के उस तरफ बसे 36 गांव को जोड़ने वाला बरसाती नाला ‘बेलाट’ हर बारिश में लोगों के लिए मुसीबत बन जाता है. रपटा में बहाव तेज होने से आवा-जाही बंद हो जाती है. इस समस्या की सूचना मिलते ही कलेक्टर भगवान सिंह उईके जिला सीईओ GS मरकाम के साथ बेलाट नाला का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तेज बहाव होने पर सावधानी के सभी उपाय सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशाशन को निर्देश दिए. 

कलेक्टर उईके ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रपटा पर उच्च स्तरीय 90मीटर लंबी पूल निर्माण के लिए 4.24 करोड़ की मंजूरी मिली गई है. टेंडर की प्रकिया अंतिम स्टेज पर है, अगले सप्ताह तक रेट खुल जाएगा. उन्होंने कहा कि बरसात के बाद पुलिया निर्माण शुरू भी हो जायेगा.

बारिश में कट जाते हैं गांव

हर साल की तरह गरियाबंद में लगातार बारिश के चलते इस साल भी समस्या दिखने लगी. 2 दिन पहले ही रपटा में पानी का बहाव तेज था, जिसके चलते आवा-जाही बंद हो गई थी. मामले की सूचना जिला प्रशाशन को लगी तो कलेक्टर भगवान यूईके हालात का जायजा लेने खुद मौके पर पहुंच गए.

मंजूरी के बाद भी एक दशक तक भटकी पुल की फाइल

पिछले एक दशक से इस पुल की मंजूरी की फाइल प्रशासनिक महकमे में भटक रही थी.पूल निर्माण में राजनीति भी जम कर हुई.2019 में 3 करोड़ की मंजूरी मिली पर लापरवाही के चलते यह राशि आदिवासी विकास मद में चली गई थी.चुंकि ब्लॉक सामान्य आता है ऐसे में निर्माण एंजेसी और सेतु विभाग को दोबारा कसरत करनी पड़ी.अब निर्माण शुरू होने की सारी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी है.

By MOOK PATRIKA

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