दैनिक मूक पत्रिका नई दिल्ली। बवासीर (पाइल्स) एक आम लेकिन बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है। जिससे आजकल कई लोग परेशान हैं। गलत खान-पान, कब्ज और ज्यादा देर तक बैठना इसकी मुख्य वजह मानी जाती है। लेकिन आयुर्वेद में इसके लिए एक असरदार इलाज मौजूद है। नागदोन यह एक औषधीय पौधा है। जो बवासीर को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।
वैद्य शिवकुमार मौर्य ने कहा कि नागदोन की पत्तियों और जड़ों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं। जो सूजन को कम करते हैं। मस्सों को सुखा देते हैं। यह खासतौर पर खूनी और बादी दोनों तरह की बवासीर में फायदेमंद है।
वैद्य मौर्य के अनुसार, नागदोन की पत्तियों और जड़ों में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और सुखाने वाले तत्व पाए जाते हैं। जो मस्सों की सूजन को कम करने के साथ-साथ उन्हें धीरे-धीरे खत्म भी करते हैं। इसके नियमित सेवन से खून बहना बंद होता है और दर्द व जलन में भी राहत मिलती है।
वैद्य शिवकुमार मौर्य बताते है कि नागदोन का उपयोग आयुर्वेदिक नियमों के तहत करना चाहिए। इसकी पत्तियों को अच्छी तरह धोकर पीस लें और सुबह सुबह शाम दो-दो पत्ती चबाकर खाएं। वहीं इसकी जड़ को सुखाकर चूर्ण बना लें और दिन में दो बार छाछ के साथ लेने से विशेष लाभ मिलता है।
वैद्य शिवकुमार मौर्य बताते है कि नागदोन के साथ कुछ और दवाइयां दी जाती हैं। इसके सेवन करने से आपका बवासीर एक महीने में जड़ से खत्म हो जाएगा।
वैद्य शिवकुमार मौर्य यह भी सलाह देते हैं कि बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को तली-भुनी चीजों, मसालेदार भोजन और मांसाहार से परहेज करना चाहिए।
साथ ही कब्ज न होने दें और दिनचर्या में थोड़ी शारीरिक गतिविधि जरूर शामिल करें। शिवकुमार और यह बताते हैं कि किसी भी प्रकार के घरेलू इलाज से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
