पौधरोपण से बढ़ती हरियाली, सोठी बना पर्यावरण संवर्धन की मिसाल

दैनिक मूक पत्रिका जांजगीर-चांपा – जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह के ग्राम पंचायत सोंठी का एक बड़ा भू-भाग कई वर्षों से बंजर पड़ा था। इस भूमि पर न तो हरियाली थी, न छांव। बारिश के दिनों में पानी का बहाव मिट्टी का कटाव करता था और गर्मियों में धूल भरी हवाएं ग्रामीण जीवन को प्रभावित करती थीं। गांव की जनसभा में यह तय किया गया कि इस भूमि को हरियाली से ढककर प्राकृतिक संतुलन बहाल किया जाए। फिर क्या था पर्यावरण संरक्षण, आजीविका संवर्धन और सामुदायिक सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए ग्राम पंचायत सोठी ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं भूमि सुधार कार्य को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर बंजर भूमि को हरित स्थल में परिवर्तित कर दिया है।
ग्राम पंचायत सोंठी में कार्य की शुरुआत ग्रामसभा से पारित प्रस्ताव के माध्यम से की गई। इस कार्य के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17.61 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें 14.08 लाख मजदूरी तथा 3.53 लाख सामग्री मद अंतर्गत था। कार्य के अंतर्गत कुल 5718 मानवदिवस का सृजन किया गया, जिससे दर्जनों ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिला। कार्यस्थल पर गड्ढा खुदाई, पौधरोपण, देखरेख एवं जल प्रबंधन का कार्य पूरी पारदर्शिता से किया गया। श्रमिकों की उपस्थिति मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से दर्ज की गई और तकनीकी सहायक द्वारा समय-समय पर निरीक्षण एवं मूल्यांकन भी किया गया। इस कार्य की विशेष बात यह रही कि इसका क्रियान्वयन रिमझिम महिला संकुल संगठन, क्लस्टर बम्हनीडीह के माध्यम से किया गया, जिसमें महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई। न केवल श्रमदान किया, बल्कि पौधों की नियमित देखरेख और सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई। यहां पर अमरूद, सीताफल और नींबू के पौधे रोपे गए। धीरे-धीरे दो साल में यह पौधे काफी बड़े हो गए। इस कार्य में 43 परिवार के 175 मजदूरों को 12 लाख 8 हजार के करीब श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान किया गया। वर्तमान में जहां पहले वीरानी और धूल का माहौल था, वहां अब हरियाली छा गई है। यह स्थल अब ग्रामीणों के लिए सैर, बच्चों के खेलने और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन गया है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यह पहल जल संरक्षण, वायु शुद्धता और मिट्टी संरक्षण में भी उपयोगी सिद्ध हुई है। ग्राम पंचायत सरपंच ने बताया कि “इस कार्य से गांव का वातावरण पूरी तरह बदल गया है। पेड़ों की हरियाली ने जीवन में ताजगी भर दी है और रोजगार ने लोगों को आत्मनिर्भर बनाया है। कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक, एवं पंचायत प्रतिनिधियों का इस कार्य को सफल बनाने में सराहनीय योगदान रहा। यह कार्य न केवल एक योजना का क्रियान्वयन है, बल्कि गांव की सामूहिक इच्छाशक्ति और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बनकर उभरा है। ग्राम पंचायत सोठी की यह पहल न केवल जिले के लिए बेहतर कार्य के रूप में देखी जा रही है। गांव की सरपंच कहती हैं कि यह काम केवल योजना का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि पूरे गांव की सोच में बदलाव का प्रतीक है। आज गांव के लोग हर पौधे को अपना मानते हैं। यह हरियाली अब सिर्फ पेड़ों की कतार नहीं, बल्कि गांव की उम्मीदों की तस्वीर बन चुकी है। कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक और पंचायत प्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयास से यह कार्य न केवल सफल हुआ, बल्कि जिले के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया। सोठी गांववासियों ने बताया है कि जब संकल्प मजबूत हो, सब साथ खड़े हो और प्रकृति को सहेजने की भावना हो, तो कोई भी बंजर ज़मीन मुस्कुरा सकती है। यह हरियाली एक संदेश है बदलाव मुमकिन है, बस शुरुआत किसी एक सोच से होती है।

By MOOK PATRIKA

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