किसानों को दी गई फसल बीमा एवं प्राकृतिक खेती की विस्तृत जानकारी
दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा- बीते गुरुवार को विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिरवाबांधा में फसल बीमा सप्ताह के अंतर्गत “फसल बीमा पाठशाला” एवं “राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन” योजनांतर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को फसल बीमा की महत्ता, प्रक्रिया और प्राकृतिक खेती के लाभों से अवगत कराना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत में बीमा प्रतिनिधि टुकेश्वर कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषक 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक फसल बीमा करा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंकों द्वारा स्वतः किया जाता है, जबकि अऋणी किसान स्वयं बीमा कराने के लिए सीएससी (लोक सेवा केंद्र), बैंक, सहकारी समिति, पोस्ट ऑफिस, एआईडीई एजेंट या फसल बीमा पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। बीमा हेतु किसानों को नवीनतम आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि संबंधित दस्तावेज, फसल बुवाई प्रमाण पत्र दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है |
कार्यक्रम के दौरान बीमा प्रक्रिया को लेकर किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। इसी क्रम में ग्राम कृषि विकास अधिकारी सतवन दास नौरंगे द्वारा किसानों को “प्राकृतिक खेती” विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से बचने तथा भूमि की उर्वरता बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती एक उत्तम विकल्प है। गोबर, गौमूत्र, नीम, छाछ आदि जैविक घटकों के माध्यम से की जाने वाली यह खेती न केवल लागत कम करती है, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि करती है।

कार्यक्रम में प्रतिशील कृषक रामाधार जांगड़े, बीमा प्रतिनिधि चितरेन वर्मा सहित बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित रहे। उपस्थित किसानों ने इस प्रकार के प्रशिक्षणों को अत्यंत उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजन की मांग की। यह आयोजन ग्राम स्तरीय किसानों को योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास रहा।