दैनिक मूक पत्रिका दिल्ली – सरकार ने श्रम विभाग को निर्देशित किया है कि वह महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने के लिए आवश्यक बदलाव करे. इस प्रक्रिया में महिला कर्मचारियों की सहमति लेना अनिवार्य होगा. राज निवास के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि श्रम विभाग को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने के लिए कहा गया है, ताकि महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति मिल सके.
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि महिला कर्मचारियों को उनकी सहमति से नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने के लिए दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन किया जाएगा. इसके साथ ही, कारखाना अधिनियम के तहत आवश्यक अधिसूचना जारी कर सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि महिला कर्मचारियों की नाइट ड्यूटी से संबंधित सरकारी प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं. श्रम विभाग को दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम की उपयोगिता के लिए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा भी एक से बढ़ाकर 10 करने को कहा गया है. साथ ही दुकानों और प्रतिष्ठानों को पूरे हफ्ते 24 घंटे काम करने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया गया है.
अधिकारी ने जानकारी दी है कि दिल्ली अग्निशमन विभाग को तीसरे पक्ष के ऑडिट के लिए एजेंसियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है. आगामी दिनों में, बड़े कारोबारी और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा जारी ऑडिट प्रमाणपत्र के आधार पर एनओसी प्राप्त करने की अनुमति मिल सकती है. वहीं, छोटे कारोबारी और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को तीसरे पक्ष के ऑडिट कराने का विकल्प भी प्रदान किया जा सकता है.
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाओं, ‘व्यापार करने में आसानी’ और ‘अधिकतम शासन – न्यूनतम सरकार’ की प्रगति और स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस अवसर पर, एलजी वीके सक्सेना ने बताया कि जटिल कानूनी प्रक्रियाएं व्यापार और आर्थिक गतिविधियों के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं.
विभाग को अधिनियम और विशेष प्रविधानों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को सभी प्रकार के एनओसी के लिए एक सिंगल विंडो पोर्टल विकसित करने का आदेश मिला है. अधिकारियों ने बताया कि इन निर्देशों के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा एलजी या मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी, और इसे छह महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.