दैनिक मूक पत्रिक बेमेतरा। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने आज नवागढ़ ब्लॉक के भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत मुरता स्थित उचित मूल्य की दुकान का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने दुकान में उपलब्ध खाद्यान्न की मात्रा, वितरण प्रणाली, स्टॉक रजिस्टर, उपभोक्ता सूची और वितरण की नियमितता की बारीकी से जांच की।
कलेक्टर ने हितग्राहियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली और वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने उचित मूल्य दुकानों में समय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने, वितरण में लापरवाही न बरतने तथा हितग्राहियों की संतुष्टि को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
उन्होंने बताया कि सभी राशनकार्ड धारियों को माह जून से अगस्त तक तीन माह का एकमुश्त चावल देने दिया जा रहा है। उन्होंने हितग्राहियों को बताया कि माह जून से अगस्त 2025 तक के लिए निर्धारित चावल वितरण की अंतिम तिथि अब 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी गई है। पूर्व में यह समयावधि 30 जून 2025 निर्धारित थी।’
उन्होंने कहा कि शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को एक जून से चावल वितरण प्रारंभ हो गया है। उन्होंने चावल वितरण में तेजी लाने के साथ ही सभी राशनकार्ड धारियों को आगामी तीन माह का एकमुश्त चावल मिले इस पर विशेष रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चावल वितरण में गड़बड़ी की शिकायत आने पर तत्काल कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने उचित मूल्य के दुकानों में चावल भंडारण की स्थिति की भी जानकारी ली।
ग्राम गोढ़ीकला में कलेक्टर शर्मा ने खाद गोदाम का निरीक्षण एवं वृक्षारोपण किया
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने आज अपने नवागढ़ ब्लॉक के दौरे के तहत ग्राम पंचायत गोढ़ीकला में नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के अंतर्गत निर्मित कार्यालय सेवा सहकारी समिति मर्यादित गोढ़ीकला के खाद गोदाम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने गोदाम में रखे गए उर्वरक के भंडारण, वितरण व्यवस्था और समिति के संचालन की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने समिति के पदाधिकारियों को समय पर किसानों को खाद उपलब्ध कराने और भंडारण में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर कलेक्टर शर्मा ने परिसर में नीम के पौधे का भी वृक्षारोपण किया। उन्होंने ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की हरियाली बढ़ाने का भी माध्यम है।
