दैनिक मूक पत्रिका कांकेर। जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड अंर्तगत ग्राम कुड़ाल में धर्मांतरित महिला की मौत के बाद परिजनों द्वारा शव को गांव के सरहद में एक दिन पहले ग्राम वासियाें से बचते हुए दफना दिया था। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों काे हुई ताे पूरा गांव इसका विरोध करते हुए कुड़ाल के ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचकर शव को निकलवाकर अन्यत्र जगह दफनाने की मांग करते हुए विरोध किया था। तथा प्रशासन से शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग की थी, ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद मृत महिला के परिजनों ने मंगलवार रात में ही शव को कब्र से बाहर निकालकर रात्रि में भानुप्रतापपुर के इसाई कब्रिस्तान में लाकर दफनाया है।भानुप्रतापपुर के एसडीओपी शेर बहादुर सिंह ने बताया ग्रामीणों के विरोध के बाद परिजन स्वयं ही शव को बाहर निकलकर भानुप्रतापपुर के इसाई कब्रिस्तान में दफनाया है।
उल्लेखनिय है कि मृत महिला और उसके परिवार के सदस्यों ने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म को अपना लिया था। जब महिला की मौत हुई तो गांव में बिना किसी को बताए ईसाई रीति-रिवाज से गांव के सरहद में दफना दिया गया था। गांव में गायता, पटेल के बिना जानकारी के धर्मांतरित महिला का शव गांव में दफनाने की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणाें ने कहा कि गांव में जो परंपरा, नियम बनाया गया है इसका पालन नहीं किया गया है, यह आदिवासी पेन व्यवस्था, 5 वीं अनुसूची के खिलाफ है। गांव में शव दफनाए जाने को लेकर विरोध को देखते हुए मृतिका धर्मांतरित महिला के परिजनाें ने शव को कब्र से बाहर निकाला और भानुप्रतापपुर कब्रिस्तान में शव को दफनाया।
