सभी आवासीय संस्थाओं में समग्र सुधार की रूपरेखा तैयार

दैनिक मूक पत्रिका दंतेवाड़ा – कलेक्टर कुणाल दुदावत द्वारा बीते शुक्रवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले के समस्त आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य आश्रम-छात्रावासों में छात्रों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ, और सुव्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित करना था।
बैठक के दौरान कलेक्टर दुदावत ने आश्रम-छात्रावासों में आवश्यक व्यवस्थाओं और सतत निगरानी के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सभी आश्रम-छात्रावासों में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला पंचायत सीईओ के फोन नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्र व स्टाफ तत्काल संपर्क कर सकें। इसके अलावा सभी संस्थाओं में भोजन व्यवस्था के तहत मेनू में एकरूपता हो, ताकि सभी बच्चों को समान और संतुलित आहार मिल सके। साथ ही नशा मुक्ति अभियान के तहत नशे के दुष्परिणामों से संबंधित बैनर अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और निबंध लेखन, वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाए, जिससे छात्र इस विषय पर जागरूक हों।
बैठक में कलेक्टर ने आगे कहा कि प्रत्येक आश्रम, छात्रावास परिसर में एक “पेड माँ” के नाम से पौधा अवश्य लगाया जाए, और इसके लिए उद्यानिकी विभाग से समन्वय कर पौधे की मांग की जाए। अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे संस्था में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और किसी भी अवकाश की सूचना संबंधित मंडल संयोजक को दें। इसके अलावा हर आश्रम, छात्रावास में मेडिकल किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो, ताकि प्राथमिक उपचार की व्यवस्था बनी रहे। स्वच्छता व्यवस्था को प्राथमिकता के अन्तर्गत आश्रम परिसरों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। छात्रावासों के हर कक्ष की खिड़की में मच्छरों के प्रवेश को रोकने हेतु जाली लगाना अनिवार्य होना चाहिए। जिससे मलेरिया व डेंगू जैसे रोगों से सुरक्षा मिल सके।
इसके साथ ही कलेक्टर ने कहा कि कन्या आश्रमों में बिना अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के किसी भी पुरुष कर्मचारी का प्रवेश वर्जित रहेगा, जिससे छात्राओं की सुरक्षा और गोपनीयता बनी रहे। स्वास्थ्य परीक्षण के अंतर्गत सिकल सेल एवं एनीमिया पीड़ित बच्चों की पहचान कर सूची बनाई जाए, ताकि इन बच्चों को विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होने आगे कहा कि हर महीने “पालक-बालक सम्मेलन” आयोजित किया जाए, जिससे पालकों और संस्थान के बीच संवाद बेहतर हो और बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहयोग मिले। साथ ही, अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि यदि आश्रम छात्रावासों में कोई अनुपयोगी सामग्री हो, तो उसकी जानकारी शीघ्रता से संबंधित अधिकारियों को दी जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त राजीव नाग, मंडल संयोजक सहित सभी छात्रावास अधीक्षक उपस्थित थे।

By MOOK PATRIKA

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