दैनिक मूक पत्रिका रायपुर। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिमांड पर भेजे गए चैतन्य बघेल से मुलाकात करने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को सपरिवार ईडी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बेवजह मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है. हम लड़ाई लड़ते रहेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद सबसे पहला राहुल गांधी का और उनके बाद प्रियंका गांधी का फोन आया था. बेटे से मिलकर कहा कि अगर आज चैतन्य के दादा जिंदा होते तो खुश होते, क्योंकि वे बहुत से मुद्दों पर जेल जाते रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके बयान हो चुके हैं, उन पर भी उनका और उनके बेटे का नाम लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह लगभग 6 बजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापामारी की थी. इस दौरान उनके बेटे चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर दोपहर को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया था.

चैतन्य बघेल से कथित रूप से जुड़ी कंपनियों को कथित शराब घोटाले से अर्जित लगभग 17 करोड़ रुपये की ‘अपराध आय प्राप्त हुई.” लगभग 1,070 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ ही चैतन्य बघेल की भूमिका भी एजेंसी की जांच के दायरे में है. ईडी ने दावा किया है कि घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में लगभग 3200 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गई है.

By MOOK PATRIKA

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