शिक्षा रोजगार से वंचित कर,नशे की ओर धकेलकर युवाओं को वोट के लिए इस्तेमाल कर रही सरकार-सूरज उपाध्याय


दैनिक मूक पत्रिका रायपुर – आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने छत्तीसगढ़ में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर राज्य की सहायक सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति कई घटनाओं और आंकड़ों के आधार पर लगातार बदतर होती दिखाई दे रही है। अपराधों में वृद्धि, पुलिस की निष्क्रियता, नक्सली हिंसा, महिला सुरक्षा और राजनीतिक संरक्षण जैसे मुद्दों ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15% की वृद्धि हुई। औसतन 5–6 मामले दर्ज। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी। राजधानी रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर जैसे शहरों में हत्या और लूटपाट की घटनाएं आम हो गई हैं। चाकूबाजी और गैंगवार की घटनाएं बढ़ी हैं, खासकर युवाओं में नशे के कारण। बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे क्षेत्रों में नक्सली हमलों की घटनाएं अब भी चुनौती बनी हुई हैं। छत्तीसगढ़ में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण और पैसे के बल पर बच निकलने की छूट मिली हुई है।

गोपाल साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं में नशे की स्थिति चिंताजनक है,सरकार युवाओं को शिक्षा रोजगार से वंचित कर, नशे की ओर धकेलकर वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रही है।
राज्य में शराब, गांजा, अफीम, स्मैक, कोरेक्स, टेबलेट और तंबाकू उत्पादों का सेवन लगातार बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों, आदिवासी इलाकों और युवाओं में नशे की प्रवृत्ति चिंताजनक है। बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, धमतरी व सरगुजा क्षेत्रों में अवैध खेती और तस्करी की घटनाएं सामने आई हैं। कॉलेज और स्कूल स्तर पर नशे का चलन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। नशे के व्यापार पर सरकार जानबूझकर रोक नहीं लग रही है क्योंकि सरकारी है चाहती है कि आज का युवा नाश करें और कोई न कोई अपराध करें ताकि अपराधी होने के कारण सरकारी नौकरी के लिए स्वतः अपात्र हो जाएगा तो सरकार को नौकरी देने के झंझट से छुटकारा मिल जायेगा।

गोपाल साहू ने कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था सुधारने के बजाय अपराधों को दबाने या आंकड़ों में हेरफेर करने का प्रयास कर रही है। जनता की सुरक्षा के बजाय VIP सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक ढील और सख्त कार्रवाई की कमी है।पुलिस राजनीतिक दबाव में काम करने को मजबूर है। कमजोर इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक की कमी के कारण या तो आरोपी पकड़ा ही नहीं जाता या फिर उस पर बाद में अपराध सिद्ध नहीं हो पाता है। जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो जातें हैं।

गोपाल साहू ने कहा कि कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण लोगों का भरोसा सरकार और पुलिस से उठ रहा है। महिलाएं और बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि राज्य में “कानून का राज” है, लेकिन अपराध, नक्सली वारदात और प्रशासनिक ढील साबित करती है कि सरकार कानून व्यवस्था में पूरी तरह विफल है

By MOOK PATRIKA

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