दैनिक मूक पत्रिका मुंगेली। मुंगेली जिले में एक संगीन आपराधिक मामला सामने आया है, जिसमें श्रीमती असीमा बर्मन नामक महिला शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी अनुसूचित जनजाति (ST) प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय शिक्षक पद प्राप्त किया है। इस गम्भीर मामले की लिखित शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता श्री जयदीप रोबिनसन द्वारा जिला कलेक्टर, मुंगेली को दी गई है।
शिकायत में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि श्रीमती असीमा बर्मन का वास्तविक सामाजिक वर्ग अनुसूचित जनजाति नहीं है, फिर भी उन्होंने स्वयं को “बर्मन (ST)” दर्शाकर सरकारी नौकरी हासिल की, जो कि पूरी तरह से फर्जी प्रमाण पत्र और धोखाधड़ी का मामला है।
यह कार्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराओं के अंतर्गत एक आपराधिक कृत्य है:
धारा 420 – धोखाधड़ी द्वारा लाभ प्राप्त करना,
धारा 468 – फर्जी दस्तावेज तैयार करना व प्रयोग करना,
धारा 471 – जाली दस्तावेज का उपयोग,
धारा 120B – आपराधिक षड्यंत्र।
श्री रोबिनसन द्वारा प्रशासन से निम्न मांग की गई है:
1. असीमा बर्मन का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर उसकी विधिवत जांच कराई जाए।
2. फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर मिली शासकीय सेवा तुरंत समाप्त की जाए।
3. उनके विरुद्ध पुलिस में FIR दर्ज कर, गिरफ्तारी और न्यायिक कार्यवाही की जाए।
यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि आरक्षण प्रणाली और संविधानिक अधिकारों के शोषण का भी प्रतीक है। अगर ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, तो योग्य और वंचित वर्ग के युवाओं के अधिकारों का निरंतर हनन होता रहेगा।
हम जिला प्रशासन, आदिवासी विकास विभाग एवं राज्य शासन से मांग करते हैं कि वे इस मामले को गंभीरता से लेकर निष्पक्ष एवं तीव्र कार्रवाई सुनिश्चित करें।
