दैनिक मूक पत्रिका कांकेर – कांकेर वनमंडल के सरोना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम दुधावा में इन दिनों भालुओं का आतंक ग्रामीणों के लिए भारी परेशानी का कारण बन गया है। बीते कुछ दिनों से लगातार भालुओं की टोली रात के समय गांव में घुसकर घरों में रखे खाद्य पदार्थों को नष्ट कर रही है, साथ ही सामानों की तोड़फोड़ भी कर रही है।

ताजा घटना ग्राम दुधावा निवासी रूपेश निषाद के घर की है, जहां बीती रात एक भालू घर में घुस आया। भालू ने घर में रखे एक टीना तेल, गुड़, शक्कर सहित अन्य खाद्य सामग्री को खा लिया और घरेलू सामान को तहस-नहस कर दिया।रूपेश निषाद के परिजनों को जैसे ही घर में हलचल का अहसास हुआ, उन्होंने शोर मचाया। शोरगुल से घबराकर भालू ने छप्पर तोड़ते हुए भागने का प्रयास किया और फिर जंगल की ओर चला गया।

यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले किसान चंद्रशेखर नेताम पर भी खेत में काम करते समय भालू ने हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सौभाग्य से समय रहते ग्रामीणों की मदद से उनकी जान बचाई जा सकी।

लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में गहरी दहशत है। आए दिन भालू किसी न किसी घर में घुसकर तबाही मचा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर वे बेहद चिंतित हैं। रात होते ही लोग दरवाजे बंद कर और लाइट बुझाकर सोने को मजबूर हैं।

ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि भालुओं को गांव की सीमा से दूर रखने के लिए जाल बिछाने, पिंजरे लगाने और गश्त बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही घायल व्यक्तियों को उचित मुआवजा और उपचार की सुविधा दी जाए। वनों में भोजन की कमी भालुओं को गांवों की ओर खींच रहा है। यह मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती समस्या को दर्शाता है, जिस पर तत्काल ध्यान देना अनिवार्य है।

By MOOK PATRIKA

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