दैनिक मूक पत्रिका रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पंजीयन कार्यालयों में पेपरलेस रजिस्ट्री की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे राज्य के लाखों नागरिकों को लाभ होगा। नई व्यवस्था के तहत, अब पक्षकारों को रजिस्ट्री दस्तावेज प्राप्त करने के लिए पंजीयन कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अब ई-मेल, डीजी लॉकर और वाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध होगी, जबकि जिनके पास ये सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें हार्ड कॉपी प्रदान की जाएगी। यह कदम डिजिटल इंडिया के तहत पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

नई व्यवस्था की मुख्य विशेषताएं

  1. ई-मेल पर सॉफ्ट कॉपी: रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पक्षकारों को उनके दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी उनके रजिस्टर्ड ई-मेल पते पर भेजी जाएगी। यह सुविधा उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो डिजिटल माध्यमों से दस्तावेज प्राप्त करना पसंद करते हैं।
  2. डीजी लॉकर से एकीकरण: पंजीयन विभाग ने डीजी लॉकर के साथ एकीकरण किया है, जिसके तहत पक्षकार अपने रजिस्ट्री दस्तावेजों को डीजी लॉकर में सुरक्षित रूप से संग्रहीत कर सकेंगे। यह सुविधा दस्तावेजों की सुरक्षा और आसान पहुंच सुनिश्चित करेगी।
  3. वाट्सएप के जरिए दस्तावेज: जिन पक्षकारों के पास ई-मेल आईडी नहीं है, उन्हें उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वाट्सएप के माध्यम से दस्तावेज भेजे जाएंगे। यह कदम उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जहां इंटरनेट और ई-मेल की पहुंच सीमित है।
  4. हार्ड कॉपी की सुविधा: जिनके पास न तो ई-मेल और न ही वाट्सएप की सुविधा है, उनके लिए पंजीयन कार्यालयों में रजिस्ट्री की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी पक्षकार सुविधा से वंचित न रहे।

वर्तमान प्रक्रिया और प्रगति

वर्तमान में, छत्तीसगढ़ के पंजीयन कार्यालयों में रजिस्ट्री के बाद पक्षकारों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर दस्तावेज का अंतिम पेज भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह व्यवस्था पहले ही लागू हो गई है और इसे व्यापक रूप से सराहा जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत, जल्द ही पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की योजना है, जिसमें सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।

आंकड़ों में प्रभाव

  • लाभार्थी: छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार, इस नई व्यवस्था से राज्य के लगभग 40 से 50 लाख लोगों को सालाना लाभ होने की उम्मीद है।
  • पंजीयन कार्यालय: राज्य में कुल 33 जिलों में पंजीयन कार्यालय इस नई प्रणाली को लागू करेंगे, जिससे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे प्रमुख शहरों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधा पहुंचेगी।
  • डिजिटल उपयोगकर्ता: भारत में डीजी लॉकर के उपयोगकर्ताओं की संख्या 15 करोड़ से अधिक है, और छत्तीसगढ़ में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इस एकीकरण का महत्व और बढ़ जाता है।
  • समय और लागत की बचत: यह प्रणाली पक्षकारों के समय और यात्रा लागत को कम करेगी, क्योंकि उन्हें अब कार्यालयों में बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अनुमानित तौर पर, इससे प्रति व्यक्ति औसतन 2-3 घंटे की बचत होगी।

सरकार का दृष्टिकोण

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा, “पेपरलेस रजिस्ट्री और डिजिटल दस्तावेजों की सुविधा से न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि यह नागरिकों के लिए सुविधाजनक भी होगी। आधार इंटीग्रेशन और जियो-टैगिंग जैसे अन्य सुधारों के साथ, हम धोखाधड़ी को रोकने और प्रक्रिया को और सरल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

By MOOK PATRIKA

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