कलेक्टर रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन में जल संरक्षण कार्यों को मिल रही नई दिशा
दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा। जल संरक्षण आज केवल एक पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं, बल्कि सतत विकास और भावी पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ा एक संवेदनशील विषय बन चुका है। इसी दृष्टिकोण से कलेक्टर रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन और नेतृत्व में जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम ग्रामीण अंचलों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं।
इस क्रम में ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान को विशेष रूप से प्रभावशाली रूप में लागू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से न केवल संरचनात्मक कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि जन सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों के माध्यम से ग्रामीणों को जल संरक्षण की आवश्यकता और तकनीकी विधियों की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और क्रियान्वयन एजेंसियों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे स्थानीय स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन कर सकें।
विशेष रूप से ग्राम पंचायत तिलई (जनपद पंचायत बेरला) में जल संरक्षण हेतु उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। यहाँ रिचार्ज पिट, तालाब गहरीकरण, और नवीन तालाब निर्माण जैसे कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किए गए हैं। ये संरचनाएं न केवल वर्षा जल के संचयन में मददगार हैं, बल्कि भूजल स्तर को पुनः भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।यह अभियान जिले के अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र में जल संरक्षण की दिशा में ठोस और दीर्घकालीन प्रयास करे।
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि जल ही जीवन है यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जिला प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जल संरक्षण कार्य केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित न रह जाएं, बल्कि इसे जन आंदोलन के रूप में विकसित किया जाए। ‘मोर गांव मोर पानी’ जैसे अभियान इसी दिशा में एक ठोस कदम हैं।जल संरक्षण के प्रति इस सजगता और सक्रियता से न केवल पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होगा, बल्कि ग्रामीणों की जल संबंधी समस्याओं का भी स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा। आने वाले समय में यह पहल बेमेतरा को जल-सुरक्षित जिला बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।