दैनिक मूक पत्रिका बीजापुर –
जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को 24 लाख रुपये के इनामी 6 माओवादियों सहित कुल 9 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में माड़ डिवीजन की कंपनी नंबर 1, प्लाटून नंबर 12 और 13 के ACM, दक्षिण बस्तर डिवीजन की तकनीकी टीम, और धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा (DGN) डिवीजन की चिन्नापल्ली एरिया कमेटी के सदस्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों का विवरण:

1.बक्सू ओयाम (27 वर्ष, मुरिया, बोड़गा पटेलपारा, भैरमगढ़): माड़ डिवीजन कंपनी नंबर 1, पार्टी सदस्य, 8 लाख रुपये का इनाम, 2007 से सक्रिय।

2.बुधराम पोटाम (36 वर्ष, मुरिया, पुसनार, गंगालूर): प्लाटून नंबर 12 ACM, 5 लाख रुपये का इनाम, 2000 से सक्रिय।

3.हिड़मा उर्फ हिरिया (26 वर्ष, मुरिया, हिरमागुण्डा, गंगालूर): पश्चिम बस्तर डिवीजन प्लाटून नंबर 13 ACM, 5 लाख रुपये का इनाम, 2000 से सक्रिय।

4.मंगू उईका उर्फ टोग्गी (38 वर्ष, मल्लेपल्ली, बासागुड़ा): दक्षिण बस्तर डिवीजन तकनीकी टीम सदस्य, 2 लाख रुपये का इनाम, 2004 से सक्रिय।

5.रोशन कारम उर्फ सोनू उर्फ अजित (24 वर्ष, मुरिया, एड़समेटा, गंगालूर): DGN डिवीजन चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, 2 लाख रुपये का इनाम, 2010 से सक्रिय।

6.मंगलों पोड़ियाम (23 वर्ष, मुरिया, दरभा, कुटरू): भैरमगढ़ एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, 2 लाख रुपये का इनाम, 2021 से सक्रिय।

7.कमलू हेमला उर्फ कुम्मा (28 वर्ष, मुरिया, फुलादी, मिरतुर): फुलादी RPC DKSMS सदस्य, 2006 से सक्रिय।

8.बुधराम हेमला (47 वर्ष, मुरिया, फुलादी, मिरतुर): फुलादी RPC DKSMS सदस्य, 2014 से सक्रिय।

9.पण्डरू पूनेम उर्फ पदखूटा (38 वर्ष, मुरिया, मनकेली, गंगालूर): मनकेली भूमकाल मिलिशिया कमांडर, 1997 से सक्रिय।

आत्मसमर्पण का कारण

आत्मसमर्पण के पीछे छत्तीसगढ़ शासन की नियद नेल्ला नार योजना और नक्सल उन्मूलन नीति का प्रभाव प्रमुख है। सुदूर क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार, सामुदायिक पुलिसिंग, और सुरक्षाबलों के सकारात्मक संवाद ने माओवादियों का संगठन से मोहभंग कराया है। संगठन के भीतर आंतरिक मतभेद, शोषण, और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की चाह ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।

नक्सल विरोधी अभियान की सफलता

1 जनवरी 2025 से अब तक बीजापुर जिले में 310 माओवादी गिरफ्तार किए गए, 277 ने आत्मसमर्पण किया, और विभिन्न मुठभेड़ों में 131 माओवादी मारे गए। 2024 से अब तक 1013 माओवादी गिरफ्तार, 466 ने आत्मसमर्पण किया, और 189 मुठभेड़ में मारे गए। DRG, STF, CRPF, कोबरा, और बस्तर फाइटर्स के संयुक्त अभियानों ने माओवादी गतिविधियों को कमजोर किया है।

आत्मसमर्पण समारोह
आत्मसमर्पण समारोह में उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप, उप महानिरीक्षक CRPF सेक्टर बीजापुर बी.एस. नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव, और विभिन्न CRPF बटालियनों के कमांडेंट्स मौजूद थे। आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 50,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया।

पुलिस अधीक्षक की अपील

पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति आत्मसमर्पित माओवादियों को रोजगार, शिक्षा, और सम्मानजनक जीवन का अवसर देती है।” उन्होंने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने का आह्वान किया।

भविष्य की संभावनाएं

नक्सल विरोधी अभियानों और पुनर्वास नीति के चलते माओवादी संगठन कमजोर हुआ है। खुफिया सूचनाओं के अनुसार, आने वाले समय में और माओवादी आत्मसमर्पण कर सकते हैं। सरकार की नियद नेल्ला नार योजना और सुरक्षा बलों की सक्रियता ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की उम्मीद जगाई है।

By MOOK PATRIKA

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