दैनिक मूक पत्रिका बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ो के शराब घोटाले केस में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। केस की सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में हुई। इस दौरान लखमा की तरफ से एडवोकेट हर्षवर्धन परगनिहा ने पक्ष रखा।
शुक्रवार को जस्टिस अरविन्द वर्मा की सिंगल बेंच केस में बेल पर सुनवाई हुई, जिसमें तर्क दिया गया कि साल 2024 में केस दर्ज किया गया था, जिसमें डेढ़ साल बाद गिरफ्तारी की गई है, जो गलत है। इस दौरान लखमा का कभी पक्ष ही नहीं लिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि केवल बयानों के आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया है। जबकि, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। पूर्व मंत्री को राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।
बता दें कि शराब घोटाला मामले में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इसी साल 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में EOW ने भी केस दर्ज किया है और गिरफ्तारी की। जिसकी जांच के बाद चार्ज शीट पेश की गई। कवासी लखमा ने अपने वकील हर्षवर्धन के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर की है।
