दैनिक मूक पत्रिका रायपुर. – जल संसाधन विभाग में पहली बार प्रमुख अभियंता की सेवानिवृत्ति के बाद अब तक किसी को प्रभार तक नहीं सौंपा गया है. जबकि सेवानिवृत्ति के बाद इससे पहले कभी यह पद खाली नहीं रहा. विभाग में इसे लेकर कई तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है. इधर रिटायर्ड ईएनसी इंद्रजीत उइके ने अपनी संविदा नियुक्ति के लिए पूरा जोर लगा दिया है. विभाग इस पूरी एक्सरसाइज के बीच प्रमुख अभियंता की दौड़ में शामिल वरिष्ठ अफसरों में निराशा है. वरिष्ठ अफसरों को इस बार मौका मिलने का पूरा भरोसा था लेकिन उइके की संविदा नियुक्ति को लेकर चली फाईल के बाद उठापटक तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में पहली बार जल संसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता का पद खाली पड़ा है. विभाग प्रमुख के पद पर अब तक किसी वरिष्ठ अफसर के नाम पर फैसला नहीं हो पाया.वरिष्ठता सूची में शामिल दो मुख्य अभियंताओं में से किसी एक को विभाग की कमान दिए जाने की संभावना भी अब तक हो गई है. सूत्रों के मुताबिक सेवानिवृत्त ईएनसी इंद्रजीत उइके की संविदा नियुक्ति को लेकर फाईल आगे बढ़ा दी गई है. इस पर विभागीय मंत्री की भी सहमति मिल गई है. राज्य शासन स्तर पर औपचारिक प्रक्रियाओं के बाद विधिवत आदेश जारी किए जाने की सुगबुगाहट है.प्रमुख अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति हुई तो अविभाजित मप्र और छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली बार होगा. इधर विभाग में अंदरूनी घमासान भी शुरू हो गया है. वरिष्ठ अफसरों में इस बात को लेकर बेहद नाराजगी भी नजर आने लगी है. अगर कुछ माह के लिए ही संविदा पर विभाग प्रमुख नियुक्त करना है तो वरिष्ठ अफसरों की पूर्णकालिक नियुक्ति कर कमान सौंपी जा सकती है.
वित्तीय अधिकारों पर भी सवाल
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर सेवानिवृत्त अफसर को संविदा पर विभाग का प्रमुख बनाया गया तो कई तकनीकी दिक्कतें भी सामने आएगी. संविदा अफसर को आहरण संवितरण का अधिकार कैसे मिलेगा, जबकि इस मामले में राज्य शासन के पूर्व में ही सख्त आदेश हैं. विभाग में विवाद के बाद ही राज्य शासन ने संविदा अफसरों से वित्तीय अधिकार वापस ले लिया था.