दैनिक मूक पत्रिका रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है। आज सदन में भारी हंगामा देखने को मिल रहा है। सबसे पहले डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के सवाल के बाद विपक्ष गर्भगृह तक पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे।
दरअसल सत्र की शुरुआत में विधायक उमेश पटेल ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी को लेकर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने यह जानना चाहा कि डीएपी का वितरण किसानों, सोसाइटियों और व्यापारियों में किस अनुपात में किया गया है। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब देते हुए कहा, “डीएपी खाद की स्थिति पर सरकार गंभीर है और नियमित केंद्र सरकार से संपर्क में है। अन्य किसी खाद की कमी नहीं है।”
लेकिन मंत्री का यह उत्तर विपक्ष को संतोषजनक नहीं लगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई विधायक खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही पुनः प्रारंभ होते ही कांग्रेस विधायकों ने फिर से विरोध शुरू कर दिया। नारों की गूंज के बीच कई विधायक गर्भगृह में प्रवेश कर गए, जो संसदीय परंपराओं के खिलाफ माना जाता है। इससे नाराज अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने गर्भगृह में मौजूद सभी कांग्रेस विधायकों को नामजद करते हुए निलंबित करने की घोषणा कर दी।
विपक्ष ने नारेबाजी के बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से आवासों के संबंध में सवाल किया। मंत्री के जवाब के दौरान भी विपक्ष लगातार नारेबाजी करते रहे। विपक्ष के हंगामे पर विधासभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नाराजगी जाहिर की।
मंत्री ओपी चैधरी के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष खड़ा हुए और विपक्ष को नसीहत दे दी। उन्होंने कहा कि, ” प्रतिपक्ष के सदस्यों ने 2-3 बार आग्रह करने के बाद भी सदन में निरंतर असंसदीय व्यवहार किया। विपक्ष यहां की 25 साल की परंपरा को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं। ये छत्तीसगढ़ का नुकसान है। छत्तीसगढ़ के संसदीय परंपराओं का है। पूरा देश देखता है कि, छत्तीसगढ़ ने क्या मापदंड व्यस्थापित किए थे। और इन मापदंडों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।”