हमलावरों ने धमकी दी
तुझे तो मारेंगे ही…और के के श्रीवास्तव को भी जान से मार देंगे

जेल सुरक्षा व्यवस्था पर लगे प्रश्नचिन्ह


दैनिक मूक पत्रिका रायपुर –
रायपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर हमलावरों ने विचाराधीन बंदियों पर संघातिक हमला कर एक को लहूलुहान कर मरणासन्न हालत मे पहुंचा दिया । वहीं दूसरे ने बैरक के अंदर भागकर अपनी जान बचाई।
जेल प्रशासन सूत्रों के अनुसार बीते गुरूवार को रायपुर उत्तर के युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आशीष शिंदे पर सेंट्रल जेल के अंदर ब्लेड और कटर से जानलेवा हमला हुआ है। जिससे आशीष के चेहरे ,गले व सीने सहित कई हिस्सों में गहरी चोटें आई हैं। हमले के वक्त के के श्रीवास्तव ने बैरक के अंदर घुसकर अपनी जान बचाई। हमलावरों का टारगेट के के भी थे। शिंदे पर ताबड़तोड़ किये गये हमसे से उनका काफी खून बह चुका था। जेल प्रशासन ने गंभीर रूप से घायल आशीष को गुरुवार रात डॉ. अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया है । डॉक्टरों के अनुसार उनके गले और चेहरे पर बहुत गहरे घाव हैं और अत्यधिक खून बहने के कारण उन्हें ऑब्ज़रवेशन में रखा गया है।
प्रत्यक्षदर्शी अन्य बंदियों के अनुसार हमले के वक्त हमलावर चिल्ला -चिल्लाकर कह रहे थे “तुझे तो मारेंगे ही… और के.के. श्रीवास्तव को भी जान से मार देंगे!”
जेल सूत्रों के मुताबिक, यह हमला उस वक्त हुआ जब के.के. श्रीवास्तव और आशीष शिंदे बैरक में लौट रहे थे। के.के. श्रीवास्तव किसी तरह बैरक में घुस गए, लेकिन जैसे ही आशीष पीछे से अंदर घुसने वाला था, हमलावरों ने अचानक ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमलावर बंदियों के नाम क्रमशःमहेश रात्रे और जामवंत हैं । दोनों आदतन अपराधी पहले से ही जेल में बंद थे और आपसी रंजिश के चलते इस हमले को अंजाम दिया है ।

ज्ञात हो घायल कांग्रेसी नेता आशीष शिंदे और के.के. श्रीवास्तव एक ही केस में विचाराधीन बंदी हैं। पिछले कुछ दिनों से इन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल मे रखा गया है।
ज्ञात हो के.के. श्रीवास्तव पर करोड़ों की ठगी का आरोप लगा है। पुलिस मामले की जाँच कर रही हैं , जिसमे आशिष शिंदे को उनकी सहायता करने और भगाने व छिपाने के आरोप पर गिरफ्तार किया गया है । दोनों को एक-दूसरे का बेहद करीबी माना जाता है।
जेल के अंदर हुए सुनियोजित हथियार युक्त प्राणघातक हमले ने रायपुर सेंट्रल जेल पर सवालिया निशान उठाया है। क्या अब जेल भी सुरक्षित नहीं रहीं या आर्गनाइज्ड क्राइम की पाठशाला / कार्यशाला जेल ही हैं ? लगातार हो रही हिंसा, कैदियों और जेल कर्मियों पर हो रहे हमले इस ओर इशारा कर रहे हैं कि जेल में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है ।
क्या अगला निशाना कौन?

By MOOK PATRIKA

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