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दैनिक मूक पत्रिका/बीजापुर

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बस्तर और आदिवासी समाज के समग्र विकास की मांग को लेकर जिले के भोपालपट्टनम, आवापल्ली, भैरमगढ़, बीजापुर, गंगालूर और कुटरू-केतुलनार में उत्साहपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए। पारंपरिक वेशभूषा में सजे आदिवासी युवाओं ने पैदल और बाइक रैली निकाली, आमसभा में अपनी बातें रखीं और पारंपरिक नृत्यों से कार्यक्रम में रंग भरे।

इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बस्तर क्षेत्र में नीतिगत, प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों की मांग की गई।ज्ञापन में बस्तर क्षेत्र में नीतिगत, प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों की मांग की गई। प्रमुख मांगों में किसी भी कानून को लागू करने से पहले जनजातीय सलाहकार परिषद की मंजूरी, आंध्र प्रदेश की तर्ज पर भू-हस्तांतरण विनियम, भू-माफियाओं पर विशेष कानून, पेसा कानून का नोडल विभाग आदिवासी विकास विभाग बनाना, गौण खनिजों की बिक्री का अधिकार ग्राम सभाओं को देना, खनन परियोजनाओं के मुनाफे का 25% पंचायतों को देना और प्रभावित परिवारों को अनिवार्य नौकरी देना शामिल हैं।

इसके अलावा अनुसूचित क्षेत्र प्रशासनिक सेवा का गठन, जिला खनिज निधि (DMF) की राशि सीधे ग्राम सभाओं को हस्तांतरित करने, बंद हुए 1,629 स्कूलों को पुनः खोलने, प्राथमिक शिक्षा स्थानीय बोलियों में देने, अवैध घुसपैठियों की जांच कर उन्हें वापस भेजने और नक्सली उन्मूलन के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या पर रोक लगाने की मांग भी रखी गई।

कार्यक्रम में भोपापट्टनम, भैरमगढ़, कुटरू, बीजापुर, गंगालूर और आवापल्ली के अनेक समाज प्रमुख और पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें अशोक मडे, कामेश्वर गौतम, महेंद्र काका, सालिक नागवंशी, अनिल पामभोई, सीताराम मांझी, जग्गूराम तेलामी, शिव पुनेम, सीएस नेताम, कुंवर सिंह मज्जी, सुखलाल पुजारी, कमलेश पैंकरा, बीआर साहनी, अजय दुर्गम, नरेंद्र हेमला, अमित कोरसा, हरिहर साहनी, मंगल राना, तेलम बोरैया, भीमा कट्टम, मनोज अवलम, चिन्नाराम आंगनपल्ली सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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