दैनिक मूक पत्रिका जगदलपुर/बकावंड – बकावंड विकासखंड के ग्राम पंचायत जैतगिरी में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 04 इन दिनों बदहाल स्थिति के कारण चर्चा का विषय बना हुआ
इस का जिम्मेदार कौन है सबसे बड़ा सवाल
है। जिस केंद्र में बच्चों की देखभाल और पोषण की व्यवस्था होनी चाहिए, वह अब खुद एक खंडहर में तब्दील हो चुका है। भवन की दीवारों में गहरी दरारें, टपकती छत से पानी और जर्जर हालत ने बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
स्थानीय जानकारी के अनुसार, केंद्र में प्रतिदिन औसतन 15 बच्चे आते हैं, लेकिन खस्ताहाल भवन के चलते अब अभिभावक बच्चों को भेजने से कतराने लगे हैं। हर दिन उपस्थिति घट रही है और बच्चों में डर भैय का माहौल का बना हुआ है।
एक साल से खंडहर भवन में चल रहा संचालन हो रहा है
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि बीते एक वर्ष से यह केंद्र इसी खंडहरनुमा भवन में संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमने कई बार अपने सुपरवाइजर के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया है। यहां तक कि सुशासन तिहार कार्यक्रम के दौरान भी शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि इस और नहीं ध्यान नहीं है”
“बच्चों की सुरक्षा खतरे में, बड़ी घटना हो सकती है”
स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है। लोगों का कहना है कि बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।
परियोजना अधिकारी ने कहा – “आपसे जानकारी मिली, निरीक्षण करेंगे”
जब इस मामले को लेकर संवाददाता ने परियोजना अधिकारी, करपावंड से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, “आपके माध्यम से हमें पहली बार जानकारी मिल रही है। हम जल्द ही निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।”
एक ओर सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए करोड़ों खर्च कर रही है, दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत ऐसी है जहाँ बच्चे खुद खतरे में हैं। अब देखना यह होगा कि विभागीय अमला कब जागेगा और जैतगिरी जैसे दूरस्थ गांव के मासूम बच्चों को सुरक्षित और बेहतर आंगनबाड़ी केंद्र कब मिलेगा।