दैनिक मूक पत्रिका जांजगीर चांपा – जिले के पीथमपुर के महाकालेश्वर नाथ मंदिर में श्रावण मास की तीसरी सोमवार के पावन अवसर पर बीते मंगलवार को श्री महाकालेश्वर नाथ के मन्दिर पीथमपुर में विशेष जलाभिषेक का आयोजन किया गया आयोजन को लेकर मंदिर समिति द्वारा सभी तैयारियाँ पूर्ण की गई थी भक्ति व श्रद्धा के वातावरण में सोमवार को प्रातः से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। इस विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा कावड़ यात्रा लेकर बाबाजी को जलाभिषेक करने पहुंच रहे थे। कांवड़िये पवित्र जल लेकर जयकारों के साथ मंदिर परिसर पहुंचें और भगवान शिव का विधिवत विधि विधान से जलाभिषेक किए और भगवान भोलेनाथ के कृपा पात्र बने, भक्तों ने बेल पत्र जल दूध ,दही मधुरस,एवं पंचामृत से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर सुख शांति और समृद्धि की कामना की। मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ भजन कीर्तन की गूंज रही आवाज हर हर महादेव की जयकारा की आवाज गुंजायमान हो रही थी। इस अवसर पर पंडितों को दान पुण्य का भी विशेष महत्व है जिसमें भक्तों ने सफेद वस्त्र,चावल,दूध ,दहीआदि दान कर पुण्य का काम कर रहे थे।
इस जलाभिषेक कार्यक्रम में ग्रामीण एवं नगर व आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शिवभक्तों के भीड़ दर्शन करने पहुंचे और जलाभिषेक किए
मंदिर समिति द्वारा रुद्राभिषेक की सभी आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था की गई थी साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, जलपान और विश्राम स्थल की व्यवस्था भी की गई है। पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन के माध्यम से महाकालेश्वर नाथ जी का मंदिर एक बार फिर शिवमय वातावरण में गूंज उठा और “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोषों से माहौल भक्तिमय हो गया।
पंडित नरेश तिवारी जी जो इस महाकालेश्वर नाथ जी पुजारी है उन्होंने बताया कि सिद्ध भगवान भोलेनाथ शिव मंदिर क्षेत्रवासियों का प्रमुख आस्था का केंद्र है ये कालों के काल महाकाल भगवान भोलेनाथ है इनकी पूजा विशेष तर्ज पर होता है विशेष श्रृंगार- धार्मिक व प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है पीथमपुर स्थित महाकालेश्वरनाथ विराजमान हैं, जहां सुबह शाम विशेष तर्ज पर पूजा अर्चना की जाती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए केवल पूजन-स्थल नहीं, बल्कि आस्था, शांति और दिव्यता का प्रतीक बन चुका है।
यह बाबा धाम की यह पावन स्थली भगवान शिव का भजन मंदिर अपनी विशेष पहचान व आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ दूर-दराज़ से श्रद्धालु दर्शन करने व शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से पहुंचते हैं।
विशेष बात यह है कि इस मंदिर में हर सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार के दौरान शिवलिंग को विविध पुष्पों, वस्त्रों व भस्म से सजाया जाता है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होता है। यह दृश्य इतना भव्य और मनोहारी होता है कि श्रद्धालु देर तक मंदिर में रुककर दर्शन व पूजन करते हैं।
मंदिर की व्यवस्थापन समिति द्वारा श्रावण मास में विशेष आयोजनों की श्रृंखला भी आयोजित की जाती है, जिसमें रुद्राभिषेक, कावड़ यात्रा, भजन संध्या व प्रसाद वितरण जैसे कार्यक्रम शामिल होते हैं।
बाबा महाकालेश्वर नाथ जी का मंदिर स्थल शांत वातावरण, हरियाली से आच्छादित प्राकृतिक दृश्य, मनोहरम नदी आच्छादित है जो भगवान भोलेनाथ नाथ का चरणों छु कर बह रही है और भगवान शिव का दिव्य स्वरूप मिलकर इस स्थल को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल का रूप प्रदान करते हैं। यहां की पवित्रता व ऊर्जा श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति प्रदान करती है।
यह महाकेश्वर नाथ को भुइया फोड़ महादेव भी कहते है जो कि भगवान भोलेनाथ नाथ स्वयं प्रकट हुए हैं और प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान भोलेनाथ नाथ महाकालेश्वर नाथ हर साल आकर में वृद्धि होती रहती है मान्यता है कि इस महाकालेश्वर भोलेनाथ का जल पेट के रोगी जिनको पेट दर्द की शिकायत रहती है उनको भगवान भोलेनाथ नाथ महाकालेश्वर नाथ जी का जलाभिषेक किया गया जल को जलपान भक्तिभाव एवं पूर्ण विश्वास के साथ पीता है उनका पेट दर्द दूर हो जाता हैं तभी तो कहते भगवान भोलेनाथ को देवो के देव महादेव।
करता करे न कर सके शिव करे सो होय l
तीन लोक नौ खण्ड में महाकाल से बड़ा न कोई l
