दैनिक मूक पत्रिका जगदलपुर/तिरिया – ग्राम पंचायत तिरिया में भ्रष्टाचार का गंदा खेल बेलगाम होता जा रहा है। ग्रामवासियों से मिली जानकारी के अनुसार, पंचायत भवन और अन्य शासकीय भवनों की रखरखाव के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है — और ये सब “बाव्नद्रुग्वाल्ल” नामक किसी फर्जी नाम के सहारे किया गया!
वर्ष 2021-22 में ₹49,000 और 2022-23 में ₹50,000 की राशि पंचायत भवन की मरम्मत एवं रखरखाव के नाम पर खर्च दिखाई गई है, लेकिन जमीन पर एक भी ईंट तक नहीं लगी है। वहीं, पटेलपारा मोहल्ले में एक व्यक्ति के नाती के नाम पर नाली की सफाई के लिए ₹40,000 का भुगतान कर दिया गया, जबकि नाली जस की तस गंदगी से भरी पड़ी है।
इतना ही नहीं, गाँव में सोलर स्ट्रीट लाइट के नाम पर भी बड़ा घोटाला सामने आया है। रिकॉर्ड में दर्ज है कि पंचायत द्वारा कई सोलर लाइट्स लगाई गई हैं, लेकिन गाँव में सिर्फ 2 ही लाइट्स नजर आती हैं। सवाल ये है कि बाकी लाइटें कहाँ गईं? क्या ये भी किसी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं?
जब इन तमाम गंभीर सवालों को लेकर ग्राम पंचायत तिरिया के सचिव अरुण रोटिया से बात की गई, तो उन्होंने जवाब देने की बजाय भड़कते हुए मीडियाकर्मी से कहा – “मेरे नाम से जो करना है करो!” क्या यही है जवाबदेही? क्या इसी निडरता के पीछे विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत छिपी है?
अब सवाल उठता है — कब तक जनता के पैसों से इस तरह की लूट चलती रहेगी? क्या सरकार और प्रशासन सो रहे हैं, या फिर वो भी इस खेल का हिस्सा हैं?
गाँव की जनता जवाब चाहती है, कार्रवाई चाहती है।
अब समय आ गया है कि इस भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुँचकर दोषियों को सजा दिलाई जाए।