दैनिक मूक पत्रिका बेमेतरा, – महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली पहल करते हुए परियोजना बेरला में एक माह का आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका समापन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बेरला में गरिमामय समारोह के साथ किया गया।
इस कार्यक्रम का संचालन कलेक्टर रणवीर शर्मा के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया तथा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में छात्राओं को न केवल शारीरिक सुरक्षा के गुर सिखाए गए, बल्कि उन्हें सामाजिक और कानूनी रूप से भी सजग किया गया।
छात्राओं को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
इस प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को कई विषयों पर जानकारी दी गई जैसे पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफन्सेस ), गुड टच – बैड टच की पहचान, चाइल्ड हेल्पलाइन – 1098 एवं वन स्टॉप सेंटर 181 की उपयोगिता, घरेलू हिंसा और लैंगिक उत्पीड़न से बचाव, बाल विवाह की रोकथाम और इससे जुड़े कानूनी प्रावधान, लैंगिक समानता और मासिक स्वच्छता का महत्व, साइबर क्राइम से सुरक्षा के उपाय, बालिकाओं को आत्मविश्वास से किया गया सशक्त |
एक माह तक चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक भानुप्रताप साहू द्वारा आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकों का अभ्यास कराया गया। बालिकाओं में आत्मविश्वास, साहस और सजगता का संचार हुआ, जिससे वे भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम होंगी।समापन कार्यक्रम में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश करमाकर, एबीईओ अवधेश उइके, विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती पूर्णिमा दास, परियोजना अधिकारी डॉ. विद्यानंद बोरकर (एकीकृत बाल विकास परियोजना बेरला), महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) से राजीव कुमार वर्मा (जिला मिशन समन्वयक), जेंडर विशेषज्ञ सेवंतिका एवं तमन्ना, सखी वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक राखी यादव एवं पर्यवेक्षक आरती बंजारे, तथा विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

छात्राओं को सम्मान स्वरूप दिए गए प्रशस्ति पत्र
प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली सभी छात्राओं को प्रशस्ति पत्र वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी अधिकारियों ने बालिकाओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह कार्यक्रम न केवल बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण की भावना को भी मजबूती प्रदान करता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की यह पहल आने वाले समय में एक सकारात्मक बदलाव की आधारशिला बनेगी।