ग्राम पंचायत मण्डेम के सरपंच और ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत, जांच जारी,,,

दैनिक मूक पत्रिका/बीजापुर /ब्यूरो आशीष पदमवार –

जिले की ग्राम पंचायत मण्डेम में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। योजना के तहत निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग और ग्रामीणों को धमकाने जैसे गंभीर आरोप पंचायत सचिव महेश जंगम पर लगाए गए हैं। सरपंच, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने एकजुट होकर कलेक्टर से शिकायत कर सचिव को हटाने और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

रिश्तेदार से कराया निर्माण, गुणवत्ता में भारी कमी

ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव महेश जंगम ने अपने भांजे को ठेका दिलवाकर प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण कार्य सौंपा। निर्माण में बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। केवल 10mm की सरिया का उपयोग कर मकानों को कमजोर और छोटे बाथरूम जैसे बना दिया गया है। हितग्राहियों से जबरन पैसा लिया गया और निर्माण में उनकी सहमति तक नहीं ली गई।

फर्जी दस्तखत कर भेजे प्रस्ताव, पंचायत में गैरहाजिर रहता सचिव

सरपंच नागुबाई ने बताया कि सचिव पंचायत कार्यों में रुचि नहीं लेता और अधिकांश समय अनुपस्थित रहता है। जरूरी दस्तावेज जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र भी समय पर जारी नहीं करता। उन्होंने कहा कि सचिव फर्जी सील और दस्तखत कर प्रस्ताव शासन को भेजता है और ग्रामसभा की स्वीकृति भी नहीं लेता।

ग्रामीण प्रकाश गोटा, सुरेश कुरसम, राजेश गुड़मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि जब सचिव से सवाल पूछे जाते हैं तो वह धमकाने लगता है। कुछ भी बोलोगे तो देख लूंगा जैसी बातें कहकर लोगों को डराता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सचिव तानाशाही तरीके से पंचायत चला रहा है और योजनाओं का मनमाना संचालन कर रहा है।
सरपंच नागुबाई, जनपद सदस्य कमलाबाई और ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ,जनपद पंचायत भैरमगढ़ की सीईओ ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के लिए नोडल अधिकारी एम.आर. उईके और तकनीकी सहायक राकेश गंधर्व को नियुक्त किया गया है। उन्हें शीघ्र जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

सचिव महेश जंगम ने सभी आरोपों को नकारते हुए बताया की प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में डाली गई है। कार्य भी इंजीनियर की देखरेख में कराया जा रहा है।शिकायतकर्ता प्रकाश गोटा स्वय निर्माण कार्य करना चाहता था। मेरे द्वारा राशि हितग्राहियों को सीधे खाते में ट्रांसफर होने की बात कहने पर मुझे देख लेने की धमकी भी दिया है। शिकायत करके मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास प्रकाश गोटा द्वारा किया जा रहा है।

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