दैनिक मूक पत्रिका रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चल रही हलचल अब ठोस रूप ले चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा कर दी है, जिसमें तीन नए विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इनमें अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब और दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव शामिल हैं। यह फैसला भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद लिया गया है, और शपथ ग्रहण समारोह कल यानी 20 अगस्त को राजभवन में आयोजित होगा। इस विस्तार से कैबिनेट की कुल संख्या 14 हो जाएगी, जो संवैधानिक प्रावधानों के तहत विधानसभा के 90 सदस्यों की 15% सीमा (अधिकतम 13.5, लेकिन व्यावहारिक रूप से 14 तक) के अनुरूप है।
पिछले चार-पांच दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयासों का बाजार गर्म था, लेकिन अब आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, यह विस्तार जातिगत संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और पार्टी के आंतरिक समीकरणों को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। नए मंत्रियों में सामान्य वर्ग से राजेश अग्रवाल, ओबीसी से गुरु खुशवंत साहेब और अनुसूचित जाति से जुड़े गजेंद्र यादव का चयन इस संतुलन को दर्शाता है। वर्तमान में साय कैबिनेट में 11 मंत्री हैं (वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट के कारण), और तीन नए शामिल होने से कुल 14 मंत्री हो जाएंगे, जिसमें मुख्यमंत्री शामिल हैं। यह विस्तार मुख्यमंत्री के जापान और दक्षिण कोरिया दौरे से ठीक पहले हो रहा है, जो 21 अगस्त से शुरू होगा।
नए मंत्रियों का राजनीतिक प्रोफाइल और चुनावी आंकड़े
यह विस्तार 2023 विधानसभा चुनावों के परिणामों पर आधारित है, जहां भाजपा ने 90 सीटों वाली विधानसभा में 54 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। कुल मतदान प्रतिशत 76.87% रहा, और भाजपा को 46.27% वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 42.23% वोटों के साथ 35 सीटें मिलीं। नए मंत्रियों के चुनावी प्रदर्शन निम्नानुसार हैं:
- राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र): भाजपा के इस विधायक ने 2023 चुनाव में कांग्रेस के टीएस सिंह देव (बाबा) को महज 94 वोटों के अंतर से हराया। अग्रवाल को कुल 90,165 वोट मिले, जबकि सिंह देव को 90,071 वोट। यह छत्तीसगढ़ के सबसे कड़े मुकाबलों में से एक था, जहां मतदान प्रतिशत 78.5% रहा। अग्रवाल सरगुजा क्षेत्र से आते हैं और सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहे हैं।
- गुरु खुशवंत साहेब (आरंग विधानसभा क्षेत्र): आरंग से भाजपा विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस के डॉ. शिव कुमार डहरिया को 17,630 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। साहेब को कुल 1,05,689 वोट मिले, जबकि डहरिया को 88,059 वोट। क्षेत्र में मतदान प्रतिशत 82.3% रहा। अनुसूचित जाति वर्ग ताल्लुक रखने वाले साहेब रायपुर संभाग के प्रभावशाली नेता हैं और आरएसएस से जुड़े होने के कारण पार्टी में मजबूत पकड़ रखते हैं।
- गजेंद्र यादव (दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र): दुर्ग से भाजपा विधायक गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के अरुण वोरा को 16,475 वोटों के अंतर से हराया। यादव को कुल 84,678 वोट मिले, जबकि वोरा को 68,203 वोट। मतदान प्रतिशत 70.2% रहा। यादव ओबीसी समुदाय से ताल्लुक हैं और दुर्ग संभाग में भाजपा की मजबूती के प्रतीक माने जाते हैं। वे भी आरएसएस बैकग्राउंड से हैं।
ये तीनों विधायक सोमवार रात (18 अगस्त) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिले थे, जिसके बाद उनके नामों पर अंतिम सहमति बनी। सूत्रों का कहना है कि इस विस्तार में कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की भी संभावना है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे नकारा गया है।