दैनिक मूक पत्रिका बकावंड – ब्लॉक बकावंड के ग्राम पंचायत संतोषा अंतर्गत प्राथमिक शाला तेतरगुड़ा में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह लचर हो गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में पदस्थ दो शिक्षक समय पर नहीं पहुंचते, जिसके चलते छोटे-छोटे बच्चे लावारिस की तरह विद्यालय परिसर में भटकते रहते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में कई बार पंचायत और शिक्षा विभाग को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने से अभिभावक चिंतित हैं।
पत्रकारों द्वारा जब खंड शिक्षा अधिकारी से इस मामले में संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे ग्रामीणों में और अधिक नाराजगी व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों का यह मौन रवैया साफ संकेत देता है कि लापरवाह शिक्षकों को संरक्षण प्राप्त है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जब निगरानी करने वाले अधिकारी ही लापरवाह बने रहें तो योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाती हैं।
ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी शिक्षकों और खंड शिक्षा अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग की यह लापरवाही बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है और साक्षरता व विकास की राह में भी बड़ी बाधा बन रही है।
तेतरगुड़ा की स्थिति सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक ग्रामीण अंचल के बच्चों का भविष्य इस तरह उपेक्षा का शिकार होता रहेगा।