नगर पंचायत ने उठाए सवाल, प्रशासन हुआ अलर्ट
दैनिक मूक पत्रिका सूरजपुर/भटगांव – जिले के नगर पंचायत भटगांव क्षेत्र में प्रस्तावित मीनाबाजार शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया है। हैरानी की बात यह है कि अनुमति प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही संचालक द्वारा बाजार का सामान परिसर में गिरा दिया गया। नगर पंचायत ने इसको गंभीर लापरवाही और मनमानी मानते हुए कार्रवाई की है तथा संचालक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
विश्वास किसने दिलाया?
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मीनाबाजार संचालक को किसने यह विश्वास दिलाया कि बिना अनुमति भी सामान परिसर में रखो, अनुमति दिला दी जाएगी?
क्या यह संचालक किसी बड़े संरक्षण के भरोसे पर नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है?
क्या स्थानीय स्तर पर ही किसी ने अनुमति मिलने से पहले ही बाजार लगाने का मौन आश्वासन दे दिया था?
यदि अनुमति मिलने से पहले ही संचालक नियमों को ताक पर रख रहा है, तो मेले के दौरान वह नियमावली और शर्तों का पालन कैसे करेगा?
नगर पंचायत की कड़ी आपत्ति
नगर पंचायत ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति किसी भी प्रकार का आयोजन, मेला या बाजार लगाना पूरी तरह अवैध है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने आदेश दिया है कि तुरंत इस सामान को स्थल से हटाया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संचालक को तत्काल अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
प्रशासन सतर्क, जिम्मेदारों पर नजर
इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर सूरजपुर, एसडीएम भैयाथान, तहसीलदार भटगांव और थाना प्रभारी भटगांव को भेज दी गई है। प्रशासन अब इस पर पैनी नजर रखे हुए है ताकि स्थिति बिगड़ने या विवाद पैदा होने से पहले ही नियंत्रण किया जा सके।
बड़ा सवाल
अनुमति के पूर्व ही संचालक की मनमानी सवाल खड़े करती है कि नियमों का मजाक बनाने की खुली छूट आखिर किसके इशारे पर दी जा रही है?
क्या प्रशासनिक प्रक्रिया को दरकिनार कर मीनाबाजार संचालक किसी विशेष संरक्षण का लाभ उठा रहा है?
और सबसे अहम, यदि शुरुआत ही नियम तोड़कर हो रही है, तो आगे यह आयोजन किस दिशा में जाएगा?
अब सबकी निगाहें प्रशासन पर
अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी किए गए अवहेलना पर कठोर कार्यवाही करते हैं या फिर मीनाबाजार संचालक की मनमानी को नजरअंदाज कर अनुमति प्रदान कर दी जाती है। यही आने वाले दिनों में तय करेगा कि नियम-क़ानून मजबूत हैं या संरक्षण की राजनीति हावी है।