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दैनिक मूक पत्रिका बीजापुर – जिले के उसूर जनपद अंतर्गत मुरकीनार पंचायत केचिंतनपाल गांव में पुल निर्माण को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। ग्रामवासियों का आरोप है कि दो वर्ष पूर्व पुल निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की राशि डीएमएफ मद से स्वीकृत की गई थी, लेकिन निर्माण के बजाय केवल गड्ढा खोदकर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। हैरानी की बात यह है कि 11 जुलाई 2025 को जेसीबी मशीन से उस गड्ढे को भर दिया गया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

ग्रामीणों ने पूछा है कि “जब पुल का निर्माण ही नहीं हुआ, तो आखिर 2 लाख की राशि कहां गई?”
गांव के लोगों का कहना है कि यह सरपंच और सचिव की मिलीभगत का नतीजा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पूर्व सरपंच को 2 लाख रुपये की राशि दी गई थी, लेकिन कार्य न तो शुरू हुआ, न ही राशि का कोई हिसाब मिला।

वर्तमान सरपंच कमला भगत का कहना है कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है।

वहीं, सचिव अंबालिका ठाकुर ने साफ किया कि “यह राशि पूर्व सरपंच को दी गई थी, लेकिन अब तक उसने कोई जवाब या हिसाब नहीं दिया है।”आगे बताया कि लोगों को आने जाने में परेशानी के चलते गड्ढा को भरा गया है।

गड्ढा भरने की लीपा-पोती, प्रशासन पर भी सवाल

कुछ दिन पहले जिस तरह से जेसीबी चलाकर गड्ढा भर दिया गया, उससे यह सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन क्यों चुप है? दो वर्षों से अधूरा पड़ा कार्य बिना किसी पारदर्शिता के दबाया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि “सरपंच-सचिव को जब चाहे गड्ढा खोदने और जब चाहे भरने की खुली छूट दी जा रही है। यह पूरी तरह से जनधन का गबन है।”

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही पुल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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