योजना का षत प्रतिषत लाभ दिलाने के लिए ग्रामों में शिविर लगाने के कलेक्टर ने दिए निर्देश
दैनिक मूक पत्रिका दंतेवाड़ा – बीते शुक्रवार को जिला कार्यालय के सभा कक्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित समीक्षा बैठक का आयोजन कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत अध्यक्षता में किया गया था। बैठक में लीड बैंक अधिकारी शिवराम बघेल, कृषि विभाग के अधिकारी सूरज पंसारीजिला सहकारी नोडल सीएल यादव, डिस्ट्रिक मैनेजर एचडीएफसी ए. रविशंकर, सभी बैंक शाखाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक जिले में किए गए पंजीकृत किसानों की अद्यतन प्रगति, की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि योजना के तहत जिले के सभी किसान जिसका बी-1 और खसरा में नाम है उनका पंजीयन कराना अनिवार्य है, और इस कार्य में प्रगति लाने के लिए संबंधित विभागों को किसानों से संपर्क कर एवं ग्रामों में कैंप लगाकर लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में अब तक किये गए पंजीयन को असंतोषप्रद बताते हुए कहा कि इसके लिए सभी बैंक और जिला सहकारी तथा कृषि विभाग आपसी समन्वय बनाकर अपेक्षित प्रगति लाए। शासन द्वारा इसके लिए निर्धारित समय अवधि दी गई है। अतः इसमें किसी भी प्रकार का विलंब नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में आगामी सप्ताह में पुनः समीक्षा की जावेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एग्रीस्टैक फार्मर आईडी के तहत पंजीकृत सभी किसान को इसका लाभ दिया जाना अनिवार्य किया गया है। इस पोर्टल के जरिये किसानों को केन्द्र और राज्य के सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल जैसे उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, असिंचित धान, अरहर, रागी, सोयाबीन उगाने वाले सभी किसान आवरित होगें। इसके लिए 31 जुलाई तक का सीमा निर्धारण किया गया है। इसके लिए कृषकों को नवीनतम आधार कार्ड कापी, भूमि प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, फसल बुआई प्रमाण पत्र, मोबाईल नम्बर, जैसे अन्य दस्तावेज की आवश्यकता होगी। इसके लिए किसानों से अनुरोध किया गया है कि अपने आधार कार्ड चालू खरीफ वर्ष के लिए दिनांक 31 जुलाई से पूर्व बैंक में अपडेट करवा ले। फसल बीमा पोर्टल पर बिना आधार प्रमाणीकरण के बीमा मान्य नहीं होगा। जिला में इस वर्ष योजना के तहत 12 हजार किसानों का लक्ष्य निर्धारण किया गया है। विगत वर्ष योजना के तहत 9 हजार 3 सौ से ज्यादा कृषक बीमित हुए थे