सावन के पवित्र महीने में शिवरात्रि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है, जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि बहुत खास होती है।
इस साल सावन शिवरात्रि का पर्व आज बुधवार 23 जुलाई 2025 को है। चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई की सुबह 04:39 से शुरू हो चुकी है, जिसका समापन देर रात 2:29 पर होगा। वहीं 24 जुलाई को सुबह 05:38 पर व्रत का पारण किया जाएगा।
सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ की विधि-विधान से विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक आदि भी करते हैं। इसके साथ ही सावन शिवरात्रि पर चारों प्रहर शिवजी की पूजा-अराधना की जाती है। लेकिन सावन शिवरात्रि में भोलेनाथ की पूजा में कुछ कामों को करना चाहिए और पूजा में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, वरना शिव नाराज हो सकते हैं। इसलिए जान लें आज के दिन शिव पूजन के दौरान कौन सी गलतियां न करें।
शिव पूजन में नहीं करें ये 10 गलतियां
काले कपड़े पहनकर पूजा करना- शिवजी की पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। आप सफेद या फिर हल्के रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें तो यह शुभ रहेगा।
तुलसी के पत्ता नहीं चढ़ाएं- शिवजी की पूजा में तुलसी पत्ता चढ़ाना वर्जित माना गया है। इसलिए शिव पूजन में भूलकर भी शिवलिंग पर तुलसी दल न चढ़ाएं।
हल्दी का प्रयोग न करें- शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित होता है। शिवजी की पूजा लाल या पीले रंग के बजाया अधिकतर सामग्रियां सफेद या हरे रंग की जैसे दूध, दही, चावल, बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल आदि चढ़ाए जाते हैं।
खंडित बेलपत्र- शिवजी को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है, लेकिन जिस बेलपत्र में छेद हो या कटे-फटे हों तो ऐसा बेलपत्र शिव पूजन के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
खंडित अक्षत- शिव पूजा में केवल साबूत सफेद अक्षत ही चढ़ाना चाहिए। टूटे हुए या फिर पीले चावल चढ़ाना वर्जित होता है।
शंख से जल न चढ़ाएं- शिवलिंग पर शंख से जल अर्पण करना निषेध माना जाता है। इसके साथ ही कांसे, स्टील, लोहे या एल्युमिनियम के पात्र से भी शिवलिंग पर दूध नहीं चढ़ाना चाहिए।
विषम संख्या में न जलाएं दीप- सभी पूजा-पाठ के बाद दीपक जलाने का महत्व है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि, पूजा में जलाया गया दीप विषम संख्या में न हों। शिव जी की पूजा में सम संख्या में दीपक जलाना चाहिए, जैसे- 2,4 या 6।
ये भूल न चढ़ाएं- शिवजी की पूजा में सफेद रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं। लेकिन कभी भी केतकी और केवड़े के फूल का चुनाव न करें।
पूरी परिक्रमा न करें- पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें और ना ही पूजा के बाद सीधे पीठ दिखाकर बाहर निकलें। बल्कि उल्टे पांव कुछ कदम पीछे चलें, फिर मुड़कर बाहर निकल जाएं।
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