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दैनिक मूक पत्रिका/बकावंड- संभागीय ब्यूरो पवन कुमार नाग

बकावंड पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में एक साल से चल रही भारी अव्यवस्था को लेकर छात्रों में आक्रोश चरम पर है। अधीक्षक की गैरहाजिरी, खराब भोजन, गंदे शौचालय और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में छात्र नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

छात्रों का आरोप है कि छात्रावास अधीक्षक रतन भारती केवल दिन में एक बार सब्जी छोड़ने आते हैं और पूरा दिन व रात अपने घर में ही बिताते हैं। अधीक्षक की गैरहाजिरी का फायदा उठाकर व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

खराब भोजन और शौचालय बने नर्क का द्वार
छात्रों ने बताया कि जो भोजन परोसा जा रहा है, वह खाने लायक तक नहीं है। उसमें गुणवत्ता नाम मात्र की भी नहीं है। साथ ही, शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि एक साल से न तो सफाई हुई है और न ही पानी की व्यवस्था की गई है। स्नान और पीने के लिए भी छात्र बाहर से पानी लाने को मजबूर हैं।

विरोध करने पर निष्कासन
छात्रावास में जब कोई छात्र इन गड़बड़ियों का विरोध करता है, तो अधीक्षक उन्हें छात्रावास से निकाल देते हैं। पिछले एक साल में तीन छात्रों को इस तरह बाहर कर दिया गया है। यह छात्रों की आवाज को दबाने का सीधा प्रयास है।

स्टडी टेबल, बेडशीट और लाइट-पंखे भी गायब
छात्रों को न तो स्टडी टेबल की सुविधा मिल रही है और न ही बिस्तरों पर बेडशीट उपलब्ध करवाई गई है। छात्रावास के कई पंखे और लाइटें महीनों से खराब पड़े हैं, लेकिन मरम्मत की कोई पहल नहीं हुई।

मनमानी फीस वसूली और सीट संख्या बढ़ाने की मांग
छात्रों ने आरोप लगाया कि अधीक्षक द्वारा तीन-तीन सौ रुपये प्रतिमाह “मैस फीस” के नाम पर वसूली की जा रही है और हाल ही में तीन महीने की फीस एक साथ मांग ली गई है। साथ ही, छात्रों ने सीट संख्या 50 से अधिक करने की भी मांग की है ताकि और छात्र लाभ ले सकें।

एबीवीपी ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
इन सभी समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नगर मंत्री गजेंद्र बिसाई ने अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बकावंड को ज्ञापन सौंपते हुए चेताया है कि यदि दो दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो ABVP उग्र आंदोलन करेगी।

अब देखना यह है कि प्रशासन छात्रों की इस पीड़ा पर कब तक चुप रहता है या कोई कड़ा कदम उठाता है।

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