दैनिक मूक पत्रिका धमतरी/नगरी – पूरे छत्तीसगढ़ में भुरसीडोंगरी सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी करने वालों की गांव के रूप में विख्यात है। और यह गांव के लिए ही नहीं अपितु तहसील और जिला के गर्व की बात है। इतना ही नहीं इस गांव से श्रीकांत को राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। अभी कुछ महीनों पूर्व से ग्रामीण अपने गांव का इज्जत स्वयं ही नीलाम कर रहे हैं।भुरसीडोंगरी में महुवा दारू अत्यधिक मात्रा में बनाने और खुले आम बेचने लगे हैं, और आसपास गांव के सभी शराबी यही दारू पीने के लिए आते हैं। ग्रामीण शिक्षित होने के बावजूद ऐसे तुच्छ हरकत कर रहे हैं और ग्राम पंचायत शराब बेचने वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं कर रही है। पुलिस प्रशासन भी मौन। शराब के वजह से ही अभी एक घटना सामने आई है बीते सप्ताह की बात है एक शराबी नशे की हालत में गंदी गंदी गालियां दें रहा था रोड पे, एक 55 वर्षीय अनुसूचित जाति के महिला ने टोका तो उसी के साथ मारपीट किया। मारपीट इतना ज्यादा था कि महिला का चूड़ी टूटने के वजह से खून निकलने लगा था। यदि शराब पर भुरसीडोंगरी में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो इससे बड़े बड़े दुर्घटनाये हो सकती है।
