नाग पंचमी में अखिल विश्व गायत्री परिवार दिव्या जीवन संघ द्वारा नागफनी मंदिर में नाग पंचमी पर्व पर दिया गया स्वामी विशुध्दानंद स्वामी ब्रह्मानंद के द्वारा दिव्य संदेश


दैनिक मूक पत्रिका दंतेवाड़ा – जिले के एकमात्र नाग मंदिर नागफनी में स्थित है जहां पर नाग पंचमी के दिन प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है। जो दंतेवाड़ा जिले से 30 किलोमीटर दूर बारसूर रोड पर स्थित है। 36 गांव के लोग इस विशाल मेले में हिस्सा लेते हैं सभी अपने साथ देवी देवता का प्रतीक चिन्ह लेकर आते हैं नाग मंदिर की पूजा गांव का अटामी परिवार करता है मंदिर के प्रमुख पुजारी प्रमोद अटामी बताते हैं कि उनके उपनाम अटामी का आशय लंबी पुछ वाला या लंबा जीव उसे है अर्थात सर्प ही अटामी है। अटामी परिवार नागफनी गांव के अलावा दर्जनों गांव में निवास करते हैं, इस क्षेत्र में इससे जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं नागफनी गांव के नाग मंदिर में पूजा अर्चना करने और मेला देखने दूर-दूर से लोग आते हैं गांव का नाम नागफनी होने की वजह से यहां रहने वाले अधिकांश लोगों का सरनेम भी नाग ही है पूरे दंतेवाड़ा जिले में सिर्फ नागफनी मंदिर है वह भी नाग देवता का मंदिर है।नाग पंचमी के पावन अवसर पर आज नगर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भी रही शिव भक्तों ने दुग्धाअभिषेक कर नाग देवता की पूजा अर्चना की हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक हिंदू पंचांग की पंचमी तिथि के स्वामी शेषनाग हैं वहीं पौराणिक मान्यता में नाग जाति की उत्पत्ति शिव कृपा से ही मानी गई है यही कारण है कि शिव भक्ति के कल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पुजवा नाग देवता के दर्शन बहुत शुभ मानी गई है मंगलवार को नाग पंचमी का पूर्वांचल में भक्ति भाव के साथ मनाया गया धार्मिक मान्यता में मान्यताओं में नाग पूजा दरिद्रता और कल को दूर कर खुशहाली लाती है। वैवाहिक, संतान , सुख और कामनाएं पूरी होती है, धार्मिक त्योहारों में नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है इस अवसर पर जगह-जगह भक्तगण नाग देवता की पूजा कर उसे दूध पिलाते हैं । पुरानौ के मुताबिक नाग पंचमी के दिन घर के दरवाजे के दोनों तरफ नाग की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करने से नाराज प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त अपने घरों में गेहूं के आटे से निर्मित नाग नागिन का चित्र बनाकर पूजा करते हैं ।

नाग पंचमी पर सपेरो को बुलाकर अपने घरों में नाग देवता को दूध भी पिलाई जाती है और इस तरह साक्षात नागराज के दर्शन व पूजन कर भक्त अपने को धन्य करते हैं नाग पंचमी के शुभ अवसर पर आज बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने नागफनी मंदिर नागफनी एवं देवालयों में पहुंचकर भगवान शिव के लिंग पर विराजमान नागदेव को दूध चढ़कर तथा नारियल फल फूल बेलपत्र शहर चावल आदि अर्पित कर नाग देवता समेत भगवान शिव जी की आराधना की नाग पंचमी पर आज बहुत सी महिलाएं व्रत रखी हैं भक्तों ने नाग देवता की पूजा कर भगवान शिव जी उस परिवार की सुख सम सलामती की कामना की गई।

By MOOK PATRIKA

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