दैनिक मूक पत्रिका बीजापुर – शिक्षा विभाग का एक ऐसा तुगलकी फैसला, जिसने शिक्षा के अधिकार पर ही कुल्हाड़ी चला दी है। 21वीं सदी के इस भारत में जहां डिजिटल इंडिया, राइट टू एजुकेशन और सर्व शिक्षा और समग्र शिक्षा अभियान के बीच जांगला गांव से करीब 6 किमी दूर ककाड़ीपारा के 26 आदिवासी बच्चे स्कूल भवन में शिक्षा के अधिकारों की भीख मांग रहे हैं।
भैरमगढ़ ब्लॉक के जांगला संकुल अन्तर्गत ककाड़ीपारा की जहां शिक्षा विभाग ने ईचेवाड़ा के 15 बच्चों की सुविधा के लिए 26 बच्चों की उम्मीदें रौंद दीं। स्कूल का भवन है, बच्चे भी हैं लेकिन नहीं है तो पढ़ने वाले शिक्षक।
दरअसल 2006-07 में सलवा जुडूम के दौरान पोटेनार पंचायत के प्राथमिक शाला ईचेवाड़ा स्कूल को अस्थाई रूप से ककाड़ीपारा जांगला शिफ्ट किया गया था। अब पोटेनार सरपंच की मांग पर शिक्षा विभाग ने 30 जून को स्कूल को दोबारा ईचेवाड़ा शिफ्ट कर दिया।
शिक्षक नहीं तो रसोईया बन गई शिक्षिका
3 जुलाई के बाद से कोई शिक्षक स्कूल नहीं आया। शिक्षक की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही होने पर ग्रामीणों और छात्रों की मांग पर मध्यान्ह भोजन की रसोईया पार्वती कोवासी बच्चों को पढ़ा रही है। वह कक्षा 7 वीं तक पढ़ी है और ग्रामीणों के अन्नदान से मध्यान्ह भोजन व्यवस्था सुचारू रूप संचालित हो रही है।
राज कुमार कठौते जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा मामला कलेक्टर के संज्ञान में है और जांच की जा रही है।
गौरतलब है की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2018 में जांगला से आयुष्मान भारत की शुरुवात करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में हवाई सेवा शुरू करने का वादा कर कहा था कि आने वाले दिनों में विकास का सूरज पूर्व दिशा से नहीं दक्षिण (बस्तर) से निकलेगा, इसी बात के संकेत हैं।
ककाड़ी पारा पहुंचे बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि 26 छात्रों के साथ संचालित स्कूल को बंद कर मुख्यमार्ग से 5 किमी दूर स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने विधायक से स्कूल बंद न करने और पूर्ववत संचालन की मांग की है।
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि क्या मोदी जी के मन की बात में इन गरीब आदिवासी बच्चों के शिक्षा के अधिकारों की बात शामिल होगी।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार स्कूल का पुनः संचालन नहीं करती ग्रामीण अपने खर्चे पर स्कूल का संचालन करेंगे। ग्रामीणों से मिलने पहुंचे विधायक विक्रम मंडावी ने एक महीने के मध्यान्ह भोजन की रसोई सामग्री सहित बच्चों के लिए नोटबुक और पेन सहित पाठ्य सामग्री प्रदान की।