खेल, पोषण और रचनात्मक शिक्षा के समन्वय से बच्चों को मिल रही उज्ज्वल भविष्य की नींव
मुंगेली – राज्य शासन की बाल विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जीवंत मिसाल बनकर उभरा है विकासखंड मुंगेली अंतर्गत ग्राम चारभाटा का आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र। यह केंद्र आज केवल एक शासकीय संस्था नहीं, बल्कि गाँव के नन्हें बच्चों के समग्र विकास का प्रेरणास्रोत बन गया है। यहाँ बच्चों को नियमित रूप से रेडी-टू-ईट एवं संतुलित पोषक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही खेल आधारित शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से उनका बौद्धिक, मानसिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचारों को अपनाते हुए अक्षर ज्ञान, रंगों की पहचान, गिनती, पहेलियाँ, कहानी-वाचन एवं चित्र-पहचान जैसी गतिविधियों को रुचिकर और संवादात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
चित्रों और रंगों से सजी दीवारें बनीं सीखने का माध्यम
केंद्र की दीवारों पर चित्रकारी, प्रेरक नारे और शैक्षणिक चित्रों के माध्यम से बच्चों को सहज एवं मनोरंजक वातावरण में सीखने का अवसर मिल रहा है। बच्चों की उम्र और रुचि के अनुसार चुनी गई शिक्षण सामग्री, खिलौने और सामूहिक खेल, शिक्षा को खेल का रूप देते हैं, जिससे बच्चे सहज रूप से ज्ञान अर्जित कर पा रहे हैं।
स्वास्थ्य और पोषण पर भी विशेष ध्यान
आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र चारभाटा की पर्यवेक्षक श्रीमती अहिल्या कोशले ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में तीन से 06 वर्ष के 28 बच्चे हैं। इनको नियमित रूप से रेडी-टू-ईट, पोषक आहार, पोहा तथा गर्म भोजन प्रदान किया जाता है, जो बच्चों में कुपोषण दूर करने में भी सहायक है। साथ ही बच्चे भी खुशी-खुशी आंगनबाड़ी आते हैं। बच्चों को आयु के अनुसार संतुलित आहार मिलने से उनके शारीरिक स्वास्थ्य में भी सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका द्वारा बच्चों की दैनिक गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जाती है। पोषण और शिक्षा का यह संतुलन बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में ठोस कदम है।
अभिभावकों का विश्वास, प्रशासन का सहयोग
केंद्र की दीवारों पर चित्रकारी, प्रेरक नारे और शैक्षणिक चित्रों के माध्यम से बच्चों को सहज एवं मनोरंजक वातावरण में सीखने का अवसर मिल रहा है। बच्चों की उम्र और रुचि के अनुसार चुनी गई शिक्षण सामग्री, खिलौने और सामूहिक खेल, शिक्षा को खेल का रूप देते हैं, जिससे बच्चे सहज रूप से ज्ञान अर्जित कर पा रहे हैं।
अभिभावकों का विश्वास, प्रशासन का सहयोग
गांव के अभिभावकों द्वारा इस केंद्र की कार्यप्रणाली की खुले दिल से सराहना की जा रही है। बच्चे अब नियमित रूप से आंगनबाड़ी आना पसंद कर रहे हैं, जिससे उपस्थिति दर में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। चारभाटा का यह आंगनबाड़ी केंद्र इस बात का प्रमाण है, कि जब समर्पित कार्यकर्ता, पर्याप्त संसाधन और प्रशासनिक सहयोग एक दिशा में काम करते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाल शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में असाधारण बदलाव संभव हैं। यह केंद्र आज खेल, पोषण और शिक्षा का त्रिवेणी संगम बनकर उभर रहा है, जो राज्य में अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।