दैनिक मूक पत्रिका रायपुर – वृंदावन हाल, सिविल लाइन रायपुर में अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद एवं छत्तीसगढ़ प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में “रामराज्य में निसर्गोपचार की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी एवं केयूर भूषण कर्मयोगी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा एक रथ के दो पहिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रथ एक पहिए से नहीं चल सकता, उसी प्रकार योग और प्राकृतिक चिकित्सा एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। योग के अभ्यास के लिए प्राकृतिक नियमों का पालन अनिवार्य है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और ओडिशा से आए 62 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत कर्मयोगियों का सम्मान किया गया। साथ ही प्रोफेसर शंभूदयाल भारतीय को विशेष रूप से केयूर भूषण कर्मयोगी सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अवधेश मिश्रा (महामंत्री, अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली) ने की। मंच पर डॉ. विवेक भारतीय, डॉ. प्राणेश गुरु गोस्वामी (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्राकृतिक चिकित्सा परिषद), डॉ. उदयभान सिंह चौहान (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान), महाराष्ट्र से आए डॉ. धनालाल शेन्द्र तथा उपराष्ट्रपति के निजी चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार शुक्ला सहित अनेक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. छगनलाल सोनवानी ने किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों तक योग और प्राकृतिक चिकित्सा को जन-जन तक पहुँचाना है।