दैनिक मूक पत्रिका किरंदुल – अभियान का उद्देश्य युवाओं, छात्रों और श्रमिक वर्ग को नशीले पदार्थों से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराना तथा समाज में नशा-मुक्त वातावरण का निर्माण करना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत CISF अधिकारियों के मार्गदर्शन में की गई, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, किरंदुल के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर CISF अधिकारियों एवं जवानों ने विद्यार्थियों को नशे के खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि नशीले पदार्थों का सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, पारिवारिक जीवन को प्रभावित करता है और समाज की प्रगति में बाधा बनता है। विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने, खेलकूद और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने तथा अपने परिवार और समाज में जागरूकता फैलाने का संदेश दिया गया।
अभियान को केवल विद्यालय तक सीमित न रखते हुए इसे कार्यस्थल स्तर तक भी विस्तारित किया गया। NMDC प्रोजेक्ट माइनिंग में कार्यरत श्रमिकों को CISF कर्मियों ने संबोधित किया और नशे के खतरों के बारे में समझाया। उन्हें बताया गया कि नशीले पदार्थों का सेवन न केवल स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि यह दुर्घटनाओं, पारिवारिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयों का भी कारण बन सकता है। श्रमिकों से नशा छोड़कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया गया।
CISF अधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि नशा उन्मूलन केवल किसी एक संस्था का कार्य नहीं है, बल्कि इसमें पूरे समाज की सहभागिता आवश्यक है। विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक और श्रमिक वर्ग मिलकर प्रयास करें तो नशा-मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। युवाओं से अपील की गई कि वे नशे की लत को “ना” कहें और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
कार्यक्रम का समापन छात्रों और श्रमिकों को नशा-मुक्त जीवन जीने और समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाकर किया गया।