दैनिक मूक पत्रिका सूरजपुर/जरही – नगर पंचायत जरही में अंबिकापुर-बनारस मुख्य मार्ग के किनारे लाखों रुपए की लागत से बनाए गए फुटपाथ अब अपनी मूल उपयोगिता खो चुके हैं। वजह है – जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होना और नगर पंचायत का उदासीन रवैया।
व्यापारियों के दुकानों के सामने जलभराव की समस्या से परेशान होकर फुटपाथ पर मुरूम डालकर उसे समतल कर दिया गया है। शुरुआत कुछ दुकानदारों ने की और फिर धीरे-धीरे पूरे फुटपाथ पर मुरूम की परत चढ़ा दी गई, जिससे पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए बना फुटपाथ अब महज नाम का रह गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि मुरूम की पटाई से ही काम चलाना था, तो फिर लाखों की लागत से पक्के फुटपाथ निर्माण की क्या आवश्यकता थी? यह जनधन की बर्बादी नहीं तो और क्या है!
नपं का रवैया निष्क्रिय
व्यापारियों ने जलभराव की समस्या को लेकर कई बार नगर पंचायत को सूचना दी, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। परिणामस्वरूप व्यापारियों को मजबूरन स्वयं मुरूम डलवाकर अस्थायी समाधान निकालना पड़ा। कुछ दुकानदारों ने अपनी समस्या का हल कर लिया, लेकिन जिनके दुकान पहले हैं, उनके सामने जलभराव की समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है।
बाइट
क्योंकि पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं थी, लोगों ने अपनी सुविधा के लिए मुरूम डलवाया है। नाली निर्माण का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है, जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, प्राथमिकता से जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाएगी।
मोहर लाल गहरवरिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत जरही
निष्कर्ष
यह मामला न सिर्फ नगर पंचायत की प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि योजनाएं जब जमीनी हकीकत के अनुरूप नहीं होतीं, तो उनका उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाता है। अगर समय रहते जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाती, तो न फुटपाथ बर्बाद होता और न ही लोगों को अस्थायी उपाय अपनाने पड़ते।