दैनिक मूक पत्रिका बस्तर – मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा संचालित अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य में अनदेखी और लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। बस्तर जिले के कई ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि एक वर्ष से अधिक समय से रुकी हुई राशि को हाल ही में जारी किया गया, वो भी 10 से 20 प्रतिशत की मनमानी कटौती के साथ।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह राशि तब जारी की गई है जब क्षेत्र में रोपाई का समय है और अधिकांश मजदूर खेती में व्यस्त हैं। ठेकेदारों का कहना है कि अब निर्माण कार्य के लिए श्रमिकों को जुटाना बेहद कठिन हो गया है। साथ ही रेत और अन्य निर्माण सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है।
सामग्री भी हुई बर्बाद या चोरी
स्थानीय ठेकेदारों का कहना है कि बीते वर्ष के दौरान साइट पर रखी गई निर्माण सामग्री या तो बारिश और समय के प्रभाव से खराब हो चुकी है या फिर चोरी हो गई है। ऐसे में ठेकेदारों को दोबारा सारी सामग्री खरीदनी पड़ रही है, जिससे उनका घाटा और गहरा गया है।
“देरी के जिम्मेदार अधिकारी कहां थे?”
ठेकेदारों ने सवाल उठाया है कि अब जब कार्य में थोड़ी भी देरी होती है तो अधिकारी नोटिस थमाने लगते हैं और मीडिया कर्मी तत्पर हो जाते हैं। लेकिन जब एक-एक साल तक योजना की राशि रोकी गई, तब किसी ने न तो सवाल किया और न ही जवाब मांगा।