कांकेर। दिनांक 07 सितंबर 2025, रविवार को धमतरी जिले के कारीपानी (बोराई) में आयोजित गायता जोहारनी कार्यक्रम एक अनुशासित और प्रेरणादायी आयोजन साबित हुआ। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि अंत तक बच्चे, महिलाएँ और सियान पूरे धैर्य के साथ उपस्थित रहे और अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, वक्तव्य और शिक्षा से संबंधित मार्गदर्शन ने सबका ध्यान आकर्षित किया। बच्चों को स्कूली पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर जागरूक किया गया। खास बात यह रही कि बच्चे शाम 6:30 बजे तक पूरे समय ध्यानपूर्वक बैठे रहे और वक्ताओं की बातों को गंभीरता से सुना।

इस अवसर पर गोंडी भाषा सीखने के प्रति बच्चों और उपस्थित लोगों का उत्साह उल्लेखनीय रहा। वर्तमान में कुछ सियान गोंडी भाषा को जीवित रखे हुए हैं, लेकिन यह संकटग्रस्त अवस्था में पहुँच चुकी है। ऐसे में इसे संरक्षित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

प्रेरणा लेते हुए कार्यक्रम में शामिल एक प्रतिभागी ने घोषणा की कि वह अपनी गोंडी पुस्तक “कोयामर्री गोंडी पल्लो करियाट” की एक-एक प्रति उपखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी आठ ग्रामों को नि:शुल्क भेंट करेंगे। उनका उद्देश्य है कि हर गाँव के बच्चे, युवा और सियान सप्ताह में कम से कम एक दिन, एक घंटा गोंडी भाषा सीखने में व्यतीत करें और अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को सहेजें।

यह छोटा-सा प्रयास गोंडी भाषा के संरक्षण और विस्तार की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

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